धर्म ग्रंथों में सोमवती अमावस्या का विशेष महत्व बताया गया है। इस शुभ योग में यदि पितरों की शांति के लिए कुछ विशेष उपाय किए जाएं तो हर तरह की परेशानी दूर हो सकती है।
साल 2024 की पहली सोमवती अमावस्या 8 अप्रैल, सोमवार को है। चैत्र मास की अमावस्या होने से भूतड़ी अमावस्या भी कहलाएगी। जानें इस दिन पितृ शांति के लिए कौन-से उपाय करें…
सोमवती अमावस्या पर पितृ शांति के लिए किसी तीर्थ स्थान पर या अपने घर पर ही तर्पण-श्राद्ध आदि करें। इसके लिए योग्य ब्राह्मण का चयन करें। इससे पितरों की आत्मा को शांति मिलती है।
सोमवती अमावस्या पर गाय को चारा खिलाएं। पक्षियों के लिए छत पर अनाज और पानी रखें। मछलियों के लिए तालाब में आटे की गोलियां बनाकर डालें। इससे भी पितृ प्रसन्न होते हैं।
सोमवती अमावस्या की सुबह जल्दी उठकर किसी नदी में स्नान करें और सूर्य देव को जल चढ़ाएं। ऐसा करते समय सूर्यदेव से पितरों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना भी करें।
सोमवती अमावस्या पर गरीब लोगों को भोजन, अनाज, कपड़े, बर्तन आदि चीजों का अपनी इच्छा अनुसार दान करना चाहिए। ऐसा करने से पितरों की कृपा आपके ऊपर बनी रहेगी।
सोमवती अमावस्या पर किसी ब्राह्मण को घर पर भोजन करवाएं और अपनी इच्छा अनुसार दान-दक्षिणा दें। ऐसा न कर पाएं तो किसी ब्राह्मण को भोजन सामग्री का दान भी कर सकते हैं।