चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि को दशा माता का व्रत किया जाता है। इस बार ये व्रत 4 अप्रैल, गुरुवार को किया जाएगा। आगे जानिए दशा माता व्रत के नियमों के बारे में…
जो भी महिला दशा माता व्रत करना शुरू करती है, वो इसे बीच में छोड़ नहीं सकती। ऐसा माना जाता है कि जो भी महिला ऐसा करती है, उसके परिवार पर विपरित प्रभाव पड़ता है।
दशा माता व्रत के दिन घर की साफ-सफाई विशेष रूप से करनी चाहिए और आनावश्यक चीजों को घर से बाहर निकाल देना चाहिए। ऐसा करने से दशा माता प्रसन्न होती हैं।
दशा माता का व्रत कुल परंपरा के अनुसार ही करनी चाहिए यानी जिस विधि से परिवार में पहले से पूजा होती आ रही है, उसी के अनुसार व्रत और पूजा करनी चाहिए।
इस व्रत में भोजन से जुड़े नियमों के विशेष रूप से पालन करना चाहिए। इस दिन कहीं पूरी तरह से व्रत रखा जाता है तो कहीं बिना नमक का भोजन किया जाता है।
दशा माता का व्रत पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ करना चाहिए। इस दिन किसी भी तरह का कोई बुरा विचार मन में नहीं आना चाहिए, नहीं तो पूजा का पूरा फल नहीं मिलता।