ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, चैत्र शुक्ल पक्ष के पहले दिन से हिंदू नववर्ष शुरू होता है, जिसे विक्रम संवंत कहते हैं। महाराष्ट्र में हिंदू नववर्ष गुड़ी पड़वा के रूप में मनाया जाता है।
गुड़ी पड़वा पर महाराष्ट्रीयन परिवार में विशेष परंपराएं निभाई जाती हैं। बहुत कम लोगों को पता है गुड़ी और पड़वा शब्दों का सही अर्थ क्या है। आगे जानिए इन दोनों शब्दों का सही अर्थ…
पंचांग के अनुसार, इस बार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 9 अप्रैल, मंगलवार को है। इसी दिन से विक्रम संवंत 2081 शुरू होगा और गुड़ी पड़वा का पर्व भी इसी दिन मनाया जाएगा।
गुड़ी पड़वा पर महाराष्ट्रीयन परिवार डंडे के ऊपर लोटा रखकर एक खास आकृति बनाते हैं और इसे ध्वज के रूप में घर के ऊपर रखते हैं। इसे ही गुड़ी कहते हैं, जिसका अर्थ है ध्वज।
शुक्ल व कृष्ण पक्ष की पहली तिथि को प्रतिपदा कहते हैं, इसे ही पड़वा भी कहा जाता है। हिंदू नववर्ष चैत्र शुक्ल की पहली तिथि से शुरू होता है, इसलिए इसे ‘गुड़ी पड़वा’ कहते हैं।
गुड़वा पड़वा के दिन लोग नए कपड़े पहनते हैं। इस दिन नीम की पत्तियों के साथ मिश्री खाने की परंपरा है। इस दिन का खास व्यंजन पूरन पोली है। लोग एक-दूसरे से मिलकर बधाई देते हैं।