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Veer Bal Diwas 2023: ‘वीर बाल दिवस’ 26 दिसंबर को, क्या हुआ था इस दिन?

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अंतिम गुरु थे गुरु गोविंद सिंह

गुरु गोविंदसिंह सिक्खों के अंतिम गुरु थे। उन्होंने हिंदू धर्म की रक्षा के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया। सिर्फ इतना ही नहीं उनके 4 पुत्र भी हिंदू धर्म की रक्षा में कुर्बान हो गए।

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शुरू हुई वीर बाल दिवस की परंपरा

गुरु गोविंदसिंह के 4 पुत्रों को याद कर आज भी लोगों का मन श्रद्धा से भर जाता है। उनकी याद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2022 से वीर बाल दिवस मनाने की परंपरा शुरू की है।

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कब है वीर बाल दिवस?

PM मोदी ने 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस मनाने की घोषणा की है, क्योंकि दिसंबर के अंतिम सप्ताह में ही गुरु गोविंद सिंह के पुत्रों ने हिंदू धर्म की रक्षा करते हुए प्राण त्यागे थे।

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ये बेटे हुए थे जंग में शहीद

गुरु गोविंद सिंह के 2 बड़े बेटे अजीत सिंह और जुझार सिंह चमकौर की जंग में मुगल फौज से लड़ते हुए शहीद हो गए थे। ये घटना 6 दिसंबर सन 1705 की बताई जाती है।

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ये बेटे भी हुए थे शहीद

गुरु गोविंद सिंह के 2 छोटे बेटों बाबा जोरावर और फतेह सिंह को सरहिंद के नवाब वजीर खान ने 26 दिसंबर 1705 को दीवार में जिंदा चुनवा दिया था। इनकी उम्र मात्र 7 और 9 साल थी।

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माता गुजरी ने भी त्यागा शरीर

अपने 2 बच्चों को जिंदा चुनवाने की खबर सुनकर माता गुजरी ने भी अपना शरीर त्याग दिया। इस तरह दिसंबर के कुछ ही दिनों में गुरु गोविंदसिंह का पूरा परिवार शहीद हो गया।

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