ग्रंथों में भगवान विष्णु के कल्कि अवतार के बारें में बताया गया है, जो कलयुग के अंत में होगा। श्रावण शुक्ल षष्ठी को इनकी जयंती मनाई जाती है। इस बार ये तिथि 22 अगस्त, मंगलवार को है।
श्रीमद्भागवत के अनुसार, कलयुग के अंत में जब अधर्म अपने चरम काल पर होगा, उस समय भगवान विष्णु कल्कि रूप में अवतार लेंगे और दुष्टों का नाश कर धर्म की पुर्नस्थापना करेंगे।
ग्रंथों के अनुसार, भगवान कल्कि उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले के संभल गांव में विष्णुयशा नाम के तपस्वी ब्राह्मण के यहां पुत्र रूप में जन्म लेंगे। ये अवतार 64 गुणों से युक्त रहेगा।
श्रीमद्भागवत महापुराण के 12वें स्कंद के 24वें श्लोक के अनुसार, जब गुरु, सूर्य और चंद्रमा एक साथ पुष्य नक्षत्र में प्रवेश करेंगे तब भगवान कल्कि का जन्म होगा।
वैसे तो भगवान कल्कि के अनेक मंदिर हैं। लेकिन इन सभी में उत्तर प्रदेश के संभल में स्थित कल्कि विष्णु मंदिर सबसे पुराना है। मान्यता है कि ये मंदिर लगभग 1 हजार साल पुराना है।