21 अगस्त, सोमवार को नागपंचमी है। इस दिन नागदेवता की पूजा की जाती है। नागों से जुड़ी कई ऐसी बातें हैं, जिनके बारे में कम ही लोग जानते हैं। आज हम आपको कुछ ऐसी ही बातें बता रहे हैं…
जीव वैज्ञानिकों के अनुसार, सांप के मुंह में लगभग 200 दांत होते हैं। सांप के निचले जबड़े में दो पंक्तियों में कतारबद्ध दांत सुई के समान नुकीले गले में अंदर की ओर मुड़े होते हैं।
सांपों की आंखों पर पलकें नहीं होती। इसलिए ऐसा माना जाता है कि सांप आंखों से सुन सकते हैं और संस्कृत में सांपों को चक्षुश्रवा यानी आंखों से सुनने वाला जीव कहा गया है।
जीव वैज्ञानिकों के अनुसार, विश्व में सांपों की लगभग 2, 744 प्रजातियां पाई जाती हैं। वहीं भारत में सांपों की 10 जातियां पाई जाती हैं। इनकी लगभग 270 प्रजातियां अब तक देखी गई हैं।
वैज्ञानिक शोध से पता चला है कि सांपों का दिल लंबाई लिए होता है। यह ज्यादा बड़ा नहीं होता। सांपों के दिल में तीन कक्ष होते हैं। जबकि अन्य पशु-पक्षियों में दिल के 4 कक्ष होते हैं।
सांप की ऊपरी परत यानी त्वचा लंबे समय के बाद मृत हो जाती है, इसकी जगह नई त्वचा ले लेती है। सांप जब इस बाह्य त्वचा की परत को उतारता है तो इसे ही केंचुली उतारना कहते हैं।
कोई सांप अपने जीवन काल में कितनी बार केंचुली उतारता है, ये सांप की उम्र, सेहत, प्राकृतिक आवास, तापमान आदि पर निर्भर करता है। धामन सांप एक साल में 3-4 बार केंचुली उतारता है।
शोध से पता चला है कि सांप हवा में बहती ध्वनि तरंगों के प्रति बहरे होते हैं, लेकिन धरती की सतह से निकले कंपनों के प्रति गजब के संवेदनशील होते हैं। इसी से ये शिकार करते हैं।