21 अगस्त, सोमवार को नागपंचमी है। इस दिन नागदेवता की पूजा की जाती है। सांपों से जुड़े कई मिथ हमारे समाज में प्रचलित है। आगे जानिए सांपों से जुड़े कुछ ऐसे ही मिथ के बारे में…
मान्यता है कि कुछ सांपों के पास एक चमकदार मणि होती है, जो जादुई होती है। सच्चाई ये है कि ये कोरी कल्पना है। सांप पकड़ने में माहिर लोग भी इसे अंधविश्वास ही मानते हैं।
सांपों के इच्छाधारी होने की बात भी पूरी तरह से अंधविश्वास है। इस विषय पर अनेक फिल्में बन चुकी हैं, इसलिए इस मान्यता को बल मिलता है। हालांकि ये मान्यता पूरी तरह से गलत है।
सांपों द्वारा बदला लेने की बात में भी कोई सच्चाई नहीं है। जीवन विज्ञान के अनुसार, सांपों का मस्तिष्क इतना विकसित नहीं होता कि ये किसी घटनाक्रम को याद रख सकें और बदला लें।
एक मान्यता ये भी है कि सांपों में सम्मोहित करने की शक्ति होती है यानी सांप जिसकी आंखों में देख लेता है वह मनुष्य उस सांप की बात मानने लगता है। यह भी कोरी कल्पना है।
जीव विज्ञान के अनुसार, सांप की कुछ प्रजातियां पेड़ों पर रहती है। जब ये उछलकर एक से दूसरे पेड़ पर जाते हैं तो ऐसा लगता है ये उड़ रहे हैं। इन पेड़ों की दूरी ज्यादा नहीं होती।
कुछ सांपों की पूंछ नुकीली न होकर मोटी होती है। सपेरे इन सांपों की पूंछ पर चमकीले पत्थर लगा देते हैं जो आंख जैसे दिखते हैं, जिससे ऐसा लगता है कि सांप को दोनों सिरों पर दो मुंह हैं।