16 अगस्त, बुधवार को अधिक मास की अमावस्या है। इस तिथि के स्वामी पितृ देवता हैं। वैसे तो अमावस्या हर महीने आती है लेकिन अधिक मास की अमावस्या 3 साल में 1 बार आती है।
धर्म ग्रंथों के अनुसार, अमावस्या तिथि पर कुछ विशेष उपाय किए जाएं तो पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और पितृ दोष से राहत भी मिलती है। आगे जानिए इन उपायों के बारे में…
सावन अधिक मास की अमावस्या पर पितरों के निमित्त श्राद्ध-पिंडदान आदि करें। ये काम किसी योग्य ब्राह्मण द्वारा आप घर पर भी कर सकते हैं। इससे पितृ दोष की शांति होती है।
अमावस्या पर गाय को हरा चारा खिलाएं। चींटियों के लिए शक्कर मिश्रित आटा डालें। मछलियों के लिए नदी में आटे की गोलियां बनाकर डालें। पक्षियों के लिए छत पर अनाज रखें।
पितृ दोष से मुक्ति के लिए अमावस्या तिथि पर गरीबों को भोजन, कच्चा अनाज, बर्तन, कपड़े, जूते-चप्पल आदि चीजों का दान करें। ऐसा करने से भी पितृ देवता प्रसन्न होते हैं।
अमावस्या तिथि पर सुबह सूर्यदेव को तांबे के लोटे से जल चढ़ाएं और बोलें कि ‘इसी जल से हमारे पितरों को आप तृप्त करें’। मन में ऐसी भावना रखने से भी पितृ प्रसन्न होते हैं।
अमावस्या पर कंडे सुलगाकर उसके ऊपर घी-गुड़ डालें। ऐसा करते समय ऊं पितृदेवताभ्यो नम: बोलें। अंत में हथेली में जल लेकर अंगूठे के माध्यम से धरती पर छोड़े दें।