प्रयागराज में 13 जनवरी से महाकुंभ शुरू होने जा रहा है। महाकुंभ में 13 अखाड़ों के साथ किन्नर अखाड़ा भी शामिल होगा। किन्नरों से जुड़े कईं रहस्य हैं, जिनके बारे में कम ही लोग जानते हैं।
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कौन हैं किन्नरों की कुलदेवी?
किन्नर समुदाय के लोग किस देवी की पूजा करते हैं। कौन-सी इनकी कुलदेवी है और इनका मंदिर कहां है? इसके बारे में कम ही लोग जानते हैं। जानें कौन-हैं किन्नरों की कुलदेवी…
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किस देवी की पूजा करते हैं किन्नर?
किन्नरों की कुलदेवी का नाम बहुचरा है। इन्हें मुर्गे वाली माता भी कहते हैं क्योंकि इनका वाहन मुर्गा है। जहां भी किन्नरों का स्थान होता है, वहां वे इनकी पूजा जरूर करते हैं।
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कहां है किन्ररों की कुलदेवी का मंदिर?
किन्नर बहुचरा माता को अर्धनारीश्वर के रूप में पूजते हैं। देवी बहुचरा का मुख्य मंदिर गुजरात के मेहसाणा में है। इसका निर्माण 1739 में वडोदरा के राजा मानाजीराव गायकवाड़ ने करवाया था।
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देवी को क्या चढ़ाते हैं किन्नर?
पहले किन्नर समुदाय के लोग बहुचरा माता को काला मुर्गा चढ़ाते थे। लेकिन बाद में जब सरकार ने इस पर रोक लगा दी तो इन्होंने चांदी का मुर्गा चढ़ाने की परंपरा शुरू की, जो आज भी कायम है।
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कैसा है किन्नरों की देवी का रूप?
देवी बहुचरा के एक हाथ में तलवार और दूसरा हाथ अभय मुद्रा में है। कहते हैं कि माता बहुचरा की पूजा से नि:संतान लोगों को संतान की प्राप्ति होती है।