आचार्य चाणक्य भारत के महान विद्वानों में से एक थे। उन्होंने ही एक साधारण युवक चंद्रगुप्त को अखंड भारता का सम्राट बनाया था। आचार्य चाणक्य की नीति आज भी हमारे काम की है।
आचार्य चाणक्य ने अपनी एक नीति में ऐसे 3 कामों के बारे में बताया, जिनका त्याग कर देना चाहिए। नहीं तो व्यक्ति के मान-सम्मान में कमी आ सकती है। आगे जानिए कौन-से हैं वो 3 काम…
आचार्य चाणक्य के अनुसार, जो व्यक्ति हमेशा दूसरों की बुराई करता रहता है, ऐसे व्यक्ति से लोग मिलना-जुलना छोड़ देते हैं और ऐसा व्यक्ति हमेशा उपहास और घृणा का पात्र बन जाता है।
कुछ लोग झूठकर अपना काम चलाते हैं, लेकिन जब झूठ की सच्चाई सामने आती है तो उस व्यक्ति को सभी के सामने लज्जित होना पड़ता है, इसलिए इस आदत को तुरंत छोड़ देना चाहिए।
कुछ लोगों दूसरों के सामने स्वयं को अधिक बुद्धिमान बताने और अपना प्रभाव छोड़ने के लिए हर बात को बढ़ा-चढ़ाकर बताते हैं। इस कारण भी व्यक्ति का मान-सम्मान कम हो सकता है।