महाभारत के अनुशासन पर्व में भीष्म पितामाह ने युधिष्ठिर को ऐसे अनेक कामों के बारे में बताया है, जिन्हें करने से मनुष्यों की उम्र कम होती है। आगे जानिए ऐसे ही 5 कामों के बारे में…
जो मनुष्य बार-बार अपने नाखून चबाता रहता है और हमेशा अशुद्ध रहता है, उसकी जल्दी ही मृत्यु हो जाती है। जो रात को दही और सत्तू खाता है, वह भी असमय मारा जाता है।
महाभारत के अनुसार, जो व्यक्ति मैले दर्पण में मुंह देखता है, गर्भवती स्त्री के साथ समागम करता है और टूटी व ढीली खाट पर सोता है, वह भी शीघ्र ही यमराज के दर्शन करता है।
सिर पर तेल लगाने के बाद उसी हाथ से दूसरे अंगों का स्पर्श नहीं करना चाहिए। जूठे मुंह न तो स्वयं पढ़ना चाहिए और न किसी को पढ़ाना चाहिए। इससे भी आयु का नाश होता है।
महाभारत के अनुसार, नंगे बदन नहाने और सोने वाले तथा अपवित्र अवस्था में सोने वाले मनुष्य की आयु जल्दी ही समाप्त हो जाती है। शाम को सोने वाले लोग भी जल्दी मृत्यु को प्राप्त होते हैं।
भीष्म पितामाह के अनुसार, दोनों ही पक्षों (कृष्ण व शुक्ल पक्ष) की चतुर्दशी, अष्टमी, अमावस्या व पूर्णिमा तिथि पर स्त्री समागम करने वाले मनुष्यों की मृत्यु कम उम्र में ही हो जाती है।