ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद के पास हजारों पत्र आते हैं, जिनमें लोगों के मन के सवाल होते हैं। उनमें से कुछ चुनिंदा पत्रों का जवाब शंकाराचर्य सोशल मीडिया पर देते हैं।
इन दिनों शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें एक भक्त उनसे घर में स्थापित शिवलिंग के जीर्ण होने के बारे में पूछ रहा है।
भक्त ने शंकराचार्य से पूछा कि ‘मेरे घर में एक प्राचीन शिवलिंग स्थापित है। जिसकी मैं रोज पूजा करता हूं। अब वह शिवलिंग जीर्ण हो गया है। इस स्थिति में इस शिवलिंग का क्या करुं?’
शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने बताया कि ‘निरंतर पूजा करते रहने से कईं बार शिवलिंग जीर्ण हो जाते हैं यानी उसमें से बालू निकलने लगती है और धीरे-धीरे उसका स्वरूप भी बदल जाता है।’
शंकराचार्य के अनुसार, ‘जब तक वह शिवलिंग स्पष्ट रूप से दिखाई देता है, तब तक तो उसकी पूजा करें अगर वो शिवलिंग खंडित हो जाए या विकृत हो जाए तो उसे नदीं में प्रवाहित कर दें।
शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद के अनुसार, ‘इसके बाद यदि आप चाहें तो उसी स्थान पर एक दूसरा शिवलिंग लाकर स्थापित कर सकते हैं और इसकी पूजा करें। यही शास्त्रीय विधान है।