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क्या है प्रसाद का ‘फुल फार्म’? संत अनिरुद्धाचार्य ने बताई गुप्त बात

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भगवान को लगाते हैं भोग

हिंदू धर्म के अंतर्गत जब भी भगवान की पूजा की जाती है तो इसमें भोग भी जरूर लगाया जाता है। भोग किसी भी चीज का लगाया जाता सकता है जैसे मिठाई, फल आदि।

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भोग बन जाता है प्रसाद

पूजा समाप्त होने के बाद ये भोग भक्तों में बांटा जाता है। भगवान को अर्पित करने के बाद ये भोग प्रसाद बन जाता है। प्रसाद के रूप में जो भी मिले, उसे श्रद्धा से खाया जाता है।

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वायरल हो रहा ये वीडियो

क्या आप जानते हैं कि प्रसाद का फुल फार्म भी होता है? वृंदावन के प्रसिद्ध संत अनिरुद्धाचार्य महाराज का एक वीडियो काफी वायरल हो रहा है, जिसमें वे प्रसाद का फुल फार्म बता रहे हैं।

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ये है प्रसाद का फुल फॉर्म

संत अनिरुद्धाचार्य महाराज के अनुसार, प्रसाद का फुल फॉर्म है, ‘प से प्रभु, स से साक्षात और द से दर्शन, यानी प्रभु के साक्षात दर्शन।’ इस फुल फॉर्म में एक बहुत ही सुंदर बात छिपी है।

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प्रसाद पाते ही होते हैं दर्शन

अनिरुद्धाचार्य महाराज के अनुसार ‘जब भी हमें कोई प्रसाद देता है तो वो मंदिर का नाम भी बताता है। उसी समय कुछ देर के लिए हमारे मन में उस मंदिर और भगवान का चित्र उभर आता है।’

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इसलिए प्रसाद का महत्व

अनिरुद्धाचार्य महाराज के अनुसार ‘यानी प्रसाद पाते ही हमारे मन में प्रभु के साक्षात दर्शन हो जाते हैं। यही कारण है कि हिंदू धर्म में प्रसाद का बहुत अधिक महत्व बताया गया है।’

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