हिंदू धर्म के अंतर्गत जब भी भगवान की पूजा की जाती है तो इसमें भोग भी जरूर लगाया जाता है। भोग किसी भी चीज का लगाया जाता सकता है जैसे मिठाई, फल आदि।
Image credits: aniruddhacharya.com
Hindi
भोग बन जाता है प्रसाद
पूजा समाप्त होने के बाद ये भोग भक्तों में बांटा जाता है। भगवान को अर्पित करने के बाद ये भोग प्रसाद बन जाता है। प्रसाद के रूप में जो भी मिले, उसे श्रद्धा से खाया जाता है।
Image credits: FB@Aniruddhacharyajimahara
Hindi
वायरल हो रहा ये वीडियो
क्या आप जानते हैं कि प्रसाद का फुल फार्म भी होता है? वृंदावन के प्रसिद्ध संत अनिरुद्धाचार्य महाराज का एक वीडियो काफी वायरल हो रहा है, जिसमें वे प्रसाद का फुल फार्म बता रहे हैं।
Image credits: aniruddhacharya.com
Hindi
ये है प्रसाद का फुल फॉर्म
संत अनिरुद्धाचार्य महाराज के अनुसार, प्रसाद का फुल फॉर्म है, ‘प से प्रभु, स से साक्षात और द से दर्शन, यानी प्रभु के साक्षात दर्शन।’ इस फुल फॉर्म में एक बहुत ही सुंदर बात छिपी है।
Image credits: Getty
Hindi
प्रसाद पाते ही होते हैं दर्शन
अनिरुद्धाचार्य महाराज के अनुसार ‘जब भी हमें कोई प्रसाद देता है तो वो मंदिर का नाम भी बताता है। उसी समय कुछ देर के लिए हमारे मन में उस मंदिर और भगवान का चित्र उभर आता है।’
Image credits: Getty
Hindi
इसलिए प्रसाद का महत्व
अनिरुद्धाचार्य महाराज के अनुसार ‘यानी प्रसाद पाते ही हमारे मन में प्रभु के साक्षात दर्शन हो जाते हैं। यही कारण है कि हिंदू धर्म में प्रसाद का बहुत अधिक महत्व बताया गया है।’