कुरुक्षेत्र के मैदान में कौरवों और पांडवों के बीच 18 दिनों तक युद्ध हुआ। इस दौरान कौरवों की ओर से कईं सेनापति बनाए गए। इनमें से एक आज भी जीवित है। जानें इन सेनापतियों के नाम…
कौरव सेना के पहले सेनापति भीष्म पितामाह थे। 18 दिनों तक चले इस युद्ध में 10 दिनों तक भीष्म ही कौरव सेना के सेनापति रहे। इस दौरान उन्होंने अनेक योद्धाओं का वध किया।
भीष्म के बाद गुरु द्रोणाचार्य कौरव सेना के सेनापति बने। अभिमन्यु वध गुरु द्रोणाचार्य के सेनापति काल में ही हुआ। द्रोणाचार्य का वध पांडवों के सेनापति धृष्टद्युम्न ने किया था।
गुरु द्रोणाचार्य के बाद दुर्योधन ने अपने परम मित्र कर्ण को कौरवों का सेनापति बनाया। कर्ण ने घटोत्कच आदि कईं योद्धाओं का वध किया और अर्जुन से युद्ध करते हुए मारे गए।
कर्ण की मृत्यु के बाद कौरवों के चौथे सेनापति बने मद्रदेश के राजा शल्य, जो नकुल-सहदेव के मामा थे। ये कुछ खास नहीं कर पाए और युद्ध करते हुए युधिष्ठिर के हाथों मारे गए।
दुर्योधन ने मरने से पहले अश्वत्थामा को सेनापति बनाया। अश्वत्थामा ने सोते हुए पांडवों के पुत्रों का वध कर दिया। ये अष्ट चिरंजीवियों में से एक हैं। मान्यता है कि वे आज भी जीवित हैं।