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इस नाग मंदिर में छिपे हैं कई ‘रहस्य’, साल में सिर्फ 1 दिन खुलता है

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कब है नागपंचमी?

इस बार नागपंचमी 21 अगस्त, सोमवार को है। इस दिन नागमंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ती है। एक नाग मंदिर ऐसा भी है जो सिर्फ नागपंचमी पर ही खुलता है। जानें कहां है ये मंदिर…

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यहां में है ये रहस्यमयी नाग मंदिर

मध्य प्रदेश के उज्जैन में है महाकाल मंदिर। ये 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। इसके सबसे ऊपरी तल पर स्थित है नागचंद्रेश्वर मंदिर, जो साल में सिर्फ एक बार नागपंचमी पर ही खुलता है।

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मराठाकालीन है ये प्रतिमा

यहां स्थित प्रतिमा मराठाकालीन है। आमतौर पर भगवान विष्णु को शेषनाग के आसन पर बैठा दिया जाता है, जबकि यहां स्थापित प्रतिमा में शिव-पार्वती शेषनाग के आसान पर बैठे हैं।

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सबसे पहले पुजारी करते हैं पूजा

नागपंचमी पर मंदिर खुलते ही सबसे वरिष्ठ अधिकारी और पुजारी यहां पूजा करते हैं, उसके बाद ही भक्तगण दर्शन पाते हैं। नागपंचमी की रात को ये मंदिर पुन: बंद कर दिया जाता है।

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ये है मान्यता

धर्म ग्रंथों के अनुसार, प्राचीन काल में ये स्थान महाकाल वन कहलाता था, जहां तक्षक नाग ने तपस्या की थी। आज भी तक्षक नाग नागचंद्रेश्वर मंदिर में ही रहता है, ऐसी मान्यता है।

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कालसर्प दोष का निवारण

इस मंदिर से जुड़ी एक खास बात ये भी है कि यहां दर्शन करने से काल सर्प दोष के अशुभ प्रभाव से मुक्ति मिलती है। नागपंचमी पर एक ही दिन में यहां लाखों दर्शन करने आते हैं।

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