31 मई, बुधवार को निर्जला एकादशी का व्रत किया जाएगा। इस दिन कुछ काम करने से शुभ फल मिलते हैं, जबकि कुछ काम भूलकर भी नहीं करना चाहिए। आगे जानें इन कामों के बारे में…
निर्जला एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा विशेष रूप से करनी चाहिए। ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है और हर तरह की मनोकामना पूरी हो सकती है।
निर्जला एकादशी पर दान का विशेष महत्व है। इस दिन रसीले फल, भोजन, पानी, अनाज आदि का दान जरूरतमंदों को करने से शुभ फल मिलते हैं।
भगवान विष्णु को तुलसी अतिप्रिय है। निर्जला एकादशी पर तुलसी की पूजा करने से हर तरह का सुख हमें प्राप्त हो सकता है। तुलसी नामाष्टक का पाठ भी करें।
धर्म ग्रंथों में पीपल को भी भगवान विष्णु की ही स्वरूप माना गया है। निर्जला एकादशी पर पीपल पर जल चढ़ाने से कई तरह की समस्याएं अपने आप ही दूर हो जाती हैं।
निर्जला एकादशी पर तामसिक चीजें जैसे मांसाहार, प्याज, लहसुन आदि न खाएं। शराब आदि का सेवन न करें। चावल भी न खाएं। ये सभी चीजें एकादशी के लिए निषेध हैं।
निर्जला एकादशी पर तन और मन से सात्विकता का पालन करें। इस दिन ब्रह्मचर्य का पालन करें और इस तरह के विचारों को भी मन में न आने दें।