Spiritual

पितृ पक्ष में किस दिन भूलकर भी न करें श्राद्ध? हो सकता है कुछ अशुभ

Image credits: Getty

14 अक्टूबर तक रहेगा श्राद्ध पक्ष

पितृ पक्ष 29 सितंबर से 14 अक्टूबर तक रहेगा। इस दौरान एक विशेष तिथि पर सामान्य रूप से मृत परिजनों का श्राद्ध नहीं करना चाहिए, इसके बुरे परिणाम मिलते हैं। जानिए कौन-सी हैं वो तिथि…

Image credits: Getty

इस तिथि पर न करें श्राद्ध

यदि किसी परिजन की मृत्यु सामान्य रूप से चतुर्दशी तिथि पर हुई हो तो उसका श्राद्ध इस तिथि पर न करते हुए सर्वपितृ मोक्ष अमावस्या पर करना चाहिए। इस बार ये तिथि 13 अक्टूबर को है।

Image credits: Adobe Stock

क्या लिखा है महाभारत में?

महाभारत के अनुसार, जिन पितरों की मृत्यु चतुर्दशी तिथि पर स्वभाविक रूप से हुई हो, उनका श्राद्ध इस तिथि पर नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से श्राद्ध करने वाला विवादों में घिर जाता है।

Image credits: Adobe Stock

होती है अयोग्य संतान

कूर्मपुराण के अनुसार, जो व्यक्ति सामान्य रूप से मृत परिजन का श्राद्ध यदि पितृ पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर करता है उसे अयोग्य संतान की प्राप्ति होती है।

Image credits: Adobe Stock

भुगतने पड़ते है गंभीर परिणाम

याज्ञवल्क्य स्मृति में भी चतुर्दशी तिथि पर सामान्य रूप से मृत व्यक्ति के श्राद्ध करने की मनाही की गई है। नहीं तो निकट भविष्य में इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।

Image credits: Adobe Stock

किसका श्राद्ध करें इस दिन?

यदि किसी पूर्वज की मृत्यु हथियार या घटना-दुर्घटना में हुई हो और उनकी मृत्यु तिथि पता न हो तो, उनका श्राद्ध चतुर्दशी तिथि को करना चाहिए, इससे उनकी कृपा अपने वंशजों पर बनी रहती है।

Image credits: Adobe Stock

इनका भी करें श्राद्ध

अगर हथियार से मारे गए परिजन की मृत्यु तिथि ज्ञात हो तो भी चतुर्दशी तिथि पर उनके लिए तर्पण और पिंडदान जरूर करना चाहिए। ऐसा धर्म ग्रंथों में लिखा है।

Image credits: Adobe Stock