तर्पण के लिए कौन-सा समय सबसे शुभ? याद रखें श्राद्ध के ये 7 नियम
Spiritual Sep 29 2023
Author: Manish Meharele Image Credits:Getty
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कब से कब तक रहेगा श्राद्ध पक्ष?
पितृ पक्ष 29 सितंबर से 14 अक्टूबर तक रहेगा। श्राद्ध करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। इन बातों का ध्यान रखा जाए तो पितृ प्रसन्न होते हैं। जानें श्राद्ध के नियम…
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तर्पण के लिए श्रेष्ठ समय
पितृ शांति के लिए तर्पण का श्रेष्ठ समय संगवकाल यानी सुबह 8 से लेकर 11 बजे तक माना जाता है। इस दौरान किए गए जल से तर्पण से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है।
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श्राद्ध के लिए श्रेष्ठ समय
तर्पण के बाद बाकी श्राद्ध कर्म के लिए सबसे शुभ और फलदायी समय कुतपकाल होता है। यह समय हर तिथि पर सुबह 11.36 से दोपहर 12.24 तक होता है।
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ये मंत्र बोलें
श्राद्ध और तर्पण करते समय एकाग्रचित्त होकर गायत्री मंत्र का जाप मन ही मन में करना चाहिए। अग्नि में होम करते समय सोमाय पितृमते स्वाहा बोलना चाहिए।
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इन कामों से बचें
श्राद्ध करते समय क्रोध न करें और न कोई गलत भावना मन में लाएं। श्राद्ध करते समय सिर्फ अपने पितरों का स्मरण करें। इससे पितृ प्रसन्न होते हैं।
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इन्हें जरूर बुलाएं
श्राद्ध में अपनी बहन, दामाद और भांजे-भांजी को भी जरूर बुलाएं। इनके भोजन करने से पितृ देवता पितृों की कृपा आपके ऊपर हमेशा बनी रहेगी।
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इन चीजों का करें उपयोग
तर्पण करते समय कुशा और काले तिलों का उपयोग जरूर करना चाहिए। इससे पितृ देवता प्रसन्न होते हैं और वंशजों को आशीर्वाद देते हैं।
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दूसरे के घर में न करें श्राद्ध
श्राद्ध कभी भी दूसरे की भूमि पर नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से उस श्राद्ध का फल आपके पितरों को न मिलकर जिसकी भूमि है, उसके पितरों को मिल जाता है।