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Pitru Paksha 2025: श्राद्ध करते समय कौन-सा मंत्र बोलें?

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याद रखें श्राद्ध के ये 5 नियम

इस बार श्राद्ध पक्ष 21 सितंबर तक रहेंगे। श्राद्ध करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है नहीं तो पितृ नाराज हो सकते हैं। आगे जानिए श्राद्ध के इन नियमों के बारे में…

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श्राद्ध करते समय कौन-सा मंत्र बोलें?

विद्वानों के अनुसार, श्राद्ध और तर्पण करते समय गायत्री मंत्र का जाप मन में करना चाहिए। अग्नि में होम करते समय सोमाय पितृमते स्वाहा मंत्र बोलना चाहिए। इससे पितृ प्रसन्न होते हैं।

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क्या है श्राद्ध के लिए श्रेष्ठ समय?

धर्म ग्रंथों के अनुसार श्राद्ध, तर्पण आदि के लिए संगवकाल यानी सुबह 8 से11 बजे तक समय ठीक रहता है। इसके अलावा कुतप काल सुबह 11.30 से 12.30 के बीच भी श्राद्ध कर सकते हैं।

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श्राद्ध में किन्हें जरूर बुलाएं?

ऐसा कहा जाता है कि श्राद्ध में अपनी बहन, बेटी, दामाद और भांजे-भांजी को जरूर बुलाना चाहिए। इनके भोजन करने से पितृ प्रसन्न होते हैं और उनकी कृपा आपके ऊपर हमेशा बनी रहती है।

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श्राद्ध में किन चीजों का होना जरूरी?

विद्वानों की मानते हैं श्राद्ध, तर्पण आदि पितृ कार्य करते समय कुशा और काले तिलों का उपयोग जरूर करना चाहिए। इससे पितृ देवता प्रसन्न होते हैं और वंशजों को आशीर्वाद देते हैं।

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श्राद्ध का भोजन किन पशु-पक्षियों को खिलाएं?

परंपरा के अनुसार, श्राद्ध का भोजन गाय,कुत्ते और कौओं की जरूर खिलाना चाहिए। ऐसा करने से हमारे पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और वे प्रसन्न होकर पितृ लोक में रहते हैं।

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