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सर्व पितृ अमावस्या 2025 कब है, 20 या 21 सितंबर? जानें सही तारीख

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क्या है पितृ मोक्ष अमावस्या का महत्व?

अगर कोई व्यक्ति अपने परिजनों का श्राद्ध उसकी मृत्यु तिथि पर न कर पाया हो तो वह इस सर्व पितृ अमावस्या पर श्राद्ध कर सकता है। ऐसा करने से पितरों की कृपा उस पर बनी रहती है।

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कब से कब तक रहेगी अमावस्या तिथि?

पंचांग के अनुसार, इस बार अश्विन मास की अमावस्या तिथि 20 सितंबर की रात 12 बजकर 17 मिनिट से शुरू होगी, जो 21 सितंबर की रात 01 बजकर 23 मिनिट तक रहेगी।

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इस दिन करें अमावस्या तिथि का श्राद्ध

उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी के अनुसार, अमावस्या तिथि का सूर्योदय 21 सितंबर, रविवार को होगा, इसलिए इसी दिन सर्वपितृ मोक्ष अमावस्या का पर्व मनाया जाएगा।

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इसलिए खास है ये तिथि

जिन लोगों को अपने पितरों की मृत्यु तिथि पता न हो, वे इस तिथि पर उनके निमित्त पिंडदान-तर्पण आदि कर सकते हैं। ऐसा करने से सभी पितरों की आत्मा को शांति मिलती है।

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तंत्र-मंत्र और उपाय के लिए भी खास है ये तिथि

श्राद्ध पक्ष की अमावस्या तिथि तंत्र-मंत्र व उपायों के लिए विशेष मानी गई है। पितृ व कालसर्प दोष से संबंधित उपाय इस दिन किए जाएं तो जीवन की अनेक परेशानी दूर हो सकती है।

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सूर्यग्रहण भी होगा इस दिन

इस बार सर्व पितृ मोक्ष अमावस्या पर यानी 21 सितंबर को सूर्य ग्रहण का संयोग भी बन रहा है, लेकिन ये ग्रहण भारत में कहीं भी नहीं दिखेगा। इसलिए इसका सूतक भी मान्य नहीं होगा।

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