प्रयागराज में 13 जनवरी से शुरू होने वाले कुंभ में शामिल होने के लिए नागा साधु यहां आ चुके हैं। इनके श्रृंगार को देखकर हर कोई हैरान है। जानें किन 10 चीजों से श्रृंगार करते हैं नागा…
नागा साधु अपने शरीर पर भस्म जरूर लगाते हैं। नागा इसे ही अपना वस्त्र मानते हैं। नागा साधु सुबह स्नान के बाद सबसे पहले अपने शरीर पर भस्म लगाते हैं। यह भस्म ताजी होती है।
कई नागा साधु अपने श्रृंगार में नियमित रूप से फूलों का उपयोग भी करते हैं। नागा साधु गले में, हाथों पर और विशेषतौर से अपनी जटाओं में फूल लगाते हैं।
नागा साधु सबसे ज्यादा ध्यान अपने तिलक पर देते हैं। नागा कभी अपने तिलक की शैली को बदलते नहीं है, क्योंकि इसकी इनके अखाड़े की पहचान होती है।
जिस तरह भगवान शिव रुद्राक्ष की माला पहनते हैं, उसी तरह नागाओं को भी रुद्राक्ष विशेष रूप से प्रिय होता है। ये रुद्राक्ष साधारण नहीं होते, इन्हें बरसों तक सिद्ध किया जाता है।
आमतौर पर नागा साधु निर्वस्त्र ही होते हैं लेकिन कुछ लंगोट भी पहनते हैं। ये लंगोट कईं चीजों की हो सकती है जैसे लोहे की लंगोट, चांदी की लंगोट, लकड़ी की लंगोट।
अक्सर नागा साधु अपने साथ तलवार, फरसा या त्रिशूल लेकर चलते हैं। ये हथियार इनके योद्धा होने के प्रमाण तो हैं ही, इनके लुक का भी हिस्सा हैं। ये भी नागाओं का श्रृंगार है।
नागाओं में चिमटा रखना अनिवार्य होता है। कई साधु चिमटे से ही अपने भक्तों को आशीर्वाद भी देते थे। मानते हैं कि नागा बाबा का चिमटा जिसे लग जाए उसकी किस्मत चमक जाती है।
नागा साधुओं को बड़े बाल रखना पसंद होते हैं, इन्हें ये जटाएं भी कहते हैं। ये भी इनके लुक का खास हिस्सा होती है। इसके बिना नागाओं को श्रृंगार पूरा नहीं होता।
जटा की तरह दाढ़ी भी नागा साधुओं की पहचान होती है। इसकी देखरेख भी जटाओं की तरह ही होती है। नागा साधु अपनी दाढ़ी को भी पूरे जतन से साफ रखते हैं।
कुछ नागा साधु जानवरों की खाल भी पहनते हैं जैसे हिरण या किसी अन्य पशु की। ये नागा साधुओं की अपनी निजी पसंद होती है। नागा साधु इसे बहुत ही पसंद से धारण करते हैं।