प्रेमानंद महाराज से एक भक्त ने कहा कि ‘जब मैं भक्ति करता हूं तो पत्नी कहती है, शादी क्यों की? अब आप ही कुछ उपाय बताईए। जानिए बाबा ने क्या उपाय बताया भक्त को…
प्रेमानंद महाराज ने कहा कि ‘इसमें पत्नी का नहीं आपका दोष है। ये दुनिया एक रंगमंच है, जिस पर हर व्यक्ति अपना किरदार निभा रहा है। आपको पति का रोल मिला है, उसे ठीक से निभाइए।’
प्रेमानंद महाराज ने कहा कि ‘भक्ति ह्रदय का विषय है और अभिनय बाहर का। आपको रंगमंच पर जो किरदार मिला है, यदि आप उसमें कमजोर पड़ेंगे तो परेशानी तो आएगी ही आएगी।’
प्रेमानंद महाराज ने कहा कि ‘आप अपने ह्रदय पर भक्ति का रंग चढ़ाओ और बाहर से एक सामन्य इंसान की तरह रहो और पति धर्म का पालन करो। मन में राधा ना का जाप करते रहो।’
प्रेमानंद महाराज ने कहा कि ‘अगर आप गृहस्थी में न होते तो बात अलग होती, लेकिन जिस स्त्री को आप विवाह करके पत्नी बनाकर लाए हैं, आपका पहला कर्तव्य उसके प्रति बनता है।’
प्रेमानंद महाराज ने कहा कि ‘तुम पत्नी को साथ लेकर भक्ति मार्ग पर चलो तो इससे तुम दोनों का कल्याण होगा। इस तरह तुम दोनों गृहस्थ धर्म में रहकर भी भगवद् प्राप्ति कर सकते हो।’