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प्रेमानंद महाराज ने बताया घर में ‘बेटी’ होने का महत्व, आप भी जानें

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भक्त ने पूछा सवाल

वृंदावन वाले प्रेमानंद महाराज के पास एक भक्त आया और उसने कहा कि ‘गुरुजी मेरी 2 बेटियां हैं, लोग कहते हैं एक बेटा तो होना ही चाहिए।’ उसकी बात सुनकर क्या कहा गुरुजी ने…

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गुरुजी ने बताया स्त्रियों का महत्व

प्रेमानंद महाराज ने कहा कि, ‘आपके पास खूब पैसा हो, बहुत बढ़िया घर बना हो, सभी व्यवस्था हो, लेकिन यदि घर में माता-बहन, बेटी का अस्तित्व न हो तो वह घर खंडहर लगता है।’

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इसलिए महिलाओं को कहते हैं गृहलक्ष्मी

प्रेमानंद महाराज ने कहा कि, ‘वहीं यदि एक छोटा सा घर सा, लेकिन उसमें एक मां, बहन या बेटी हो तो वह घर भी स्वर्ग से समान लगता है। स्त्रियों को इसलिए गृहलक्ष्मी कहते हैं।’

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बेटियां बेटों से कम नहीं

प्रेमानंद महाराज ने कहा कि, ‘वर्तमान समय में बेटी को बेटे से किसी भी रूप में कम न समझें। आजकल जब बेटे अपने बूढ़े मां-बाप को घर से निकाल देते हैं तो बेटी ही सहारा बनती है।’

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बेटियां पालती हैं माता-पिता को

प्रेमानंद महाराज ने कहा कि, ‘आजकल ऐसे कई मामले देखने में आते हैं जब बेटे अपने आचार माता-पिता को घर से निकाल देते हैं तो बेटियां ही उनका पालन-पोषण करती हैं।’

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बेटा-बेटी में फर्क नहीं

प्रेमानंद महाराज ने कहा कि, ‘जब पिता पर कोई विपत्ति आती है तो सबसे पहले बेटी ही आकर खड़ी होती है। इसलिए बेटा-बेटी में फर्क न करो। बेटियों को भी बेटा मानकर परवरिश करो।’

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