22 जनवरी 2024, सोमवार को भगवान श्रीराम की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा अयोध्या के नवनिर्मित मंदिर में की जाएगी। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल होंगे।
दैनिक जीवन में हम भगवान राम से जुड़े कईं मुहावरे और लोकोक्तियों को प्रयोग करते हैं। ऐसी ही एक लोकोक्ति है राम से बड़ा राम का नाम। इस लोकोक्ति से जुड़ी कईं कथाएं प्रचलित हैं।
कुछ धर्म ग्रंथों में लिखा है कि पूरी सृष्टि को उत्पन्न करने वाले महादेव भी स्वयं साधना में राम नाम का ही जाप करते रहते हैं। हनुमानजी भी लगातार राम नाम की ही जाप करते हैं।
कहते हैं कि स्वयं श्रीराम ने जब एक साधारण पत्थर समुद्र में छोड़ा तो वह डूब गया जबकि राम नाम लिखे पत्थर समुद्र पर तैरने लगे, जिससे सेतु बना। इसलिए भी राम नाम का महत्व है।
एक बार श्रीराम ने किसी बात हनुमानजी पर बाण चला दिया। हनुमानजी हाथ जोड़कर सिर्फ राम नाम का जाप करते रहे। राम नाम के प्रभाव से श्रीराम का बाण भी हनुमानजी को छू न सका।
ग्रंथों के अनुसार, सारे संसार का पुण्य फल राम नाम में समाया हुआ है, जो भी राम नाम का निरंतर जाप करता रहता है, उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसलिए कहते हैं राम से बड़ा राम का नाम।