22 जनवरी, सोमवार को राम लला प्राण प्रतिष्ठा समारोह की शुरूआत मंगल ध्वनि से हो चुकी है। इस कार्यक्रम में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित देश की कईं बड़ी हस्तियां शामिल होंगी।
प्राण प्रतिष्ठा समारोह की शुरूआत मंगल ध्वनि से की गई है। मंगल यानी शुभ और ध्वनि यानी आवाज। यहां मंगल ध्वनि का अर्थ है विभिन्न वाद्य यंत्रों को बजाने से निकलने वाली मधुर आवाज।
अयोध्या में मंगल ध्वनि के लिए देश भर के विभिन्न प्रांतों से 50 अलग-अलग वाद्य यंत्र मंगवाए गए हैं। इनमें संतूर, तबला, डमरू, सितार, मृदंग आदि कईं वाद्य यंत्र शामिल हैं।
हिंदू धर्म में जब भी कोई शुभ कार्य किया जाता है तो इसकी शुरूआत मंगल ध्वनि से की जाती है। शुभ कार्य जैसे विवाह, पूजा-पाठ, अनुष्ठान, यज्ञ, प्राण प्रतिष्ठा और गृह प्रवेश आदि।
हमारे देश में अनेक महान कलाकार हुए, इन्ही में से एक थे उस्ताद बिस्मिल्ला खाँ। इन्हें मंगल ध्वनि का नायक भी कहा जाता है। उस्ताद बिस्मिल्ला खाँ शहनाई नाम का खास वाद्य यंत्र बजाते थे।
उस्ताद बिस्मिल्ला खाँ तीसरे भारतीय संगीतकार थे जिन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया है। ये मूल रूप से बनारस के रहने वाले थे। 21 अगस्त 2006 को इनका निधन हो चुका है।