सावन मास 4 जुलाई से 31 अगस्त तक रहेगा। इस दौरान शिवजी की पूजा विशेष रूप से की जाती है। अनजाने में लोग शिव पूजा में कईं गलतियां कर देते हैं। आगे जाने उन गलतियों के बारे में…
भगवान शिव की पूजा में केतकी के फूल भूलकर भी चढ़ाना चाहिए। धर्म ग्रंथों के अनुसार, भगवान शिव ने स्वयं इस फूल को अपनी पूजा में वर्जित किया है।
शिवजी की पूजा में कभी भी कटे-फटे या खराब फूल व पत्तियां नहीं चढ़ानी चाहिए। जहां तक संभव हो ताजे और सुंदर फूल भी शिवजी को चढ़ाएं।
शिवजी की पूजा करते समय जब परिक्रमा की जाती है तो जलाधारी को लांघना नहीं चाहिए। ऐसा करना महापाप माना गया है। ऐसा भूलकर भी न करें।
शिवजी का अभिषेक शंख में जल लेकर न करें। शिवजी द्वारा शंखचूड़ नामक राक्षस का वध करने के कारण ये नियम बनाया गया है।
महादेव की पूजा में तुलसी के पत्ते वर्जित हैं यानी भूलकर भी शिवजी की पूजा में तुलसी के पत्ते न चढ़ाएं। ऐसा करने से निकट भविष्य में परेशानी हो सकती है।
भगवान शिव की पूजा में हल्दी, कुंकुम भी नहीं चढ़ाना चाहिए। कारण ये है कि ये चीजें स्त्रियों के श्रृंगार में काम आती है और शिवजी पौरूष का प्रतीक हैं।
शिवजी की पूजा करते समय चमड़े से बनी चीजें पास में नहीं होना चाहिए, जैसे बेल्ट या पर्स आदि। इन बातों का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए।