1 जुलाई, शनिवार से अमरनाथ यात्रा शुरू हो चुकी है। बाबा अमरनाथ और इस गुफा से जुड़े कई ऐसे रहस्य हैं, जिन्हें आज तक कोई समझ नहीं पाया। जानें कुछ ऐसे ही रहस्यों के बारे में…
अमरनाथ गुफा का निर्माण किसने और कैसे किया, इसका वर्णन कहीं नहीं मिलता। इसके निर्माण का रहस्य आज तक अनसुलझा है। ये गुफा पूरी तरह से प्राकृति द्वारा निर्मित दिखाई देती है।
हर साल निश्चित समय पर बर्फ से बनने वाला ये हिम शिवलिंग सभी के लिए रहस्य है। इसका निर्माण कैसे होता है और फिर ये कैसे विलुप्त हो जाता है, इसके बारे में कोई नहीं जानता।
अमरनाथ गुफा की खोज किसने की? इसे लेकर कई भ्रांतियां हैं। मुस्लिम गडरिए की कहानी सबसे ज्यादा प्रचलित है, लेकिन ये कहानी सच या झूठ, ये बात आज तक एक रहस्य है।
मान्यता है कि इसी गुफा में बैठकर भगवान शिव ने देवी पार्वती को अमरत्व का रहस्य सुनाया था। यही कारण है कि इस पवित्र शिवलिंग को बाबा अमरनाथ के नाम से जाना जाता है।
शिवजी जब देवी पार्वती को अमरत्व का रहस्य सुना रहे थे, उस समय वहां दो कबूतर भी थे। अमरत्व का रहस्य जानकर वे भी अमर हो गए। मान्यता है कि ये कबूतर आज भी यहां देखे जाते हैं।
कहते हैं कि अमरनाथ शिवलिंग चंद्रमा की के साथ घटता-बढ़ता है। सावन पूर्णिमा पर ये शिवलिंग अपने पूर्ण आकार में रहता है और बाद में इसका स्वरूप धीरे-धीरे छोटा होने लगता है।
काशी विश्वनाथ के दर्शन से 10 गुना, प्रयागराज से 100 गुना और नैमिषारण्य से हजार गुना पुण्य यहां मिलता है। बाबा बर्फानी के दर्शन से 23 तीर्थों के पुण्य का लाभ एक साथ मिल जाता है।
प्राचीन ग्रंथों में अमरनाथ गुफा का वर्णन नहीं है। इसका सबसे पहला वर्णन 12वीं सदी में लिखी गई कल्हण की पुस्तक राजतरंगिणी में मिलता है। हालांकि ये गुफा हजारों साल पुरानी है।