इस बार चातुर्मास का आरंभ 29 जून, गुरुवार से हो रहा है, जो 23 नवंबर तक रहेगा। इस दौरान कुछ विशेष काम नहीं करना चाहिए। इनके बारे में धर्म ग्रंथों में भी बताया गया है…
चातुर्मास के दौरान तामसिक चीजें जैसे मांस, मछली, अंडे के साथ-साथ प्याज-लहसुन आदि चीजें खाने से भी बचना चाहिए। ये भी चातुर्मास के नियम के अंतर्गत है।
चातुर्मास के दौरान स्त्री संग न करें यानी ब्रह्मचर्य व्रत का पालन करें। इस दौरान जमीन पर चटाई बिछाकर सोने का नियम धर्म ग्रंथों में बताया गया है।
धर्म ग्रंथों के अनुसार, सावन मास में हरी सब्जी, भादौ में दही, आश्विन में दूध और कार्तिक में दाल नहीं खाना चाहिए। ऐसा करने से सेहत पर बुरा असर होता है।
चातुर्मास में नशा जैसे शराब, सिगरेट, भांग आदि का सेवन भी भूलकर नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से निकट भविष्य में बुरे परिणाम मिल सकते हैं।
चातुर्मास के दौरान किसी का भी बुरा न करें और न ही इस तरह का विचार मन में लाएं। अपनी इच्छा अनुसार दान करें और जितना संभव हो लोगों की मदद करें।