इस बार श्राद्ध पक्ष 29 सितंबर से 14 अक्टूबर तक रहेगा। इन 16 दिनों में कुछ तिथियां बहुत खास होती है, इन तिथियों पर श्राद्ध जरूर करना चाहिए। आगे जानिए कौन-सी हैं ये तिथियां…
29 सितंबर, शुक्रवार को श्राद्ध पक्ष का पहला दिन रहेगा। इस दिन पितरों की शांति के लिए तर्पण, पिंडदान जरूर करना चाहिए। इससे घर में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है।
03 अक्टूबर श्राद्ध पक्ष की पंचमी तिथि रहेगी। इसे कुंवारी पंचमी कहते हैं। जिन लोगों के परिवार में किसी कुंवारे व्यक्ति की मृत्यु हुई है, उसे इस दिन जरूर श्राद्ध करना चाहिए।
श्राद्ध पक्ष की नवमी तिथि को मातृ नवमी कहते हैं। ये तिथि इस बार 07 अक्टूबर को है। इस दिन परिवार की उन महिलाओं का श्राद्ध करना चाहिए, जिनकी मृत्यु सुहागिन अवस्था में हुई हो।
परिवार के जिन पूर्वजों ने कभी संन्यास लिया है, उनकी आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध पक्ष की द्वादशी तिथि को पिंडदान आदि करना श्रेष्ठ रहता है। इस बार ये तिथि 11 अक्टूबर को है।
परिवार में यदि किसी व्यक्ति की मृत्यु शस्त्र से, दुर्घटना में हुई हो तो उनका श्राद्ध चतुर्दशी तिथि पर करना चाहिए। इससे उनकी आत्मा तृप्त होती है। इस बार ये तिथि 13 अक्टूबर को है।
अगर कोई व्यक्ति मृत्यु तिथि पर पूर्वजों का श्राद्ध न कर पाए तो वह अमावस्या तिथि पर उनका श्राद्ध कर सकता है। इससे सभी पितरों को मोक्ष मिलता है। ये तिथि 14 अक्टूबर को है।