महाभारत के प्रमुख योद्धाओं जैसे- कर्ण, अर्जुन और भीष्म आदि के बारे में तो सभी जानते हैं, लेकिन इस ग्रंथ में ऐसे भी कुछ महान योद्धाओं का वर्णन है, जो आज भी गुमनाम हैं।
महाभारत के इन गुमनाम योद्धाओं में से कुछ ने कौरवों के पक्ष में युद्ध किया, जबकि कुछ ने पांडवों के पक्ष में।आगे जानें ऐसे ही 7 योद्धाओं के बारे में…
महाभारत के अनुसार यदुवंश में सात्यकि नाम के एक योद्धा थे, जो अर्जुन के शिष्य थे। युद्ध के दौरान उन्होंने जो पराक्रम दिखाया, उसे देखकर कईं लोग उन्हें दूसरा अर्जुन कहने लगे थे।
युद्ध में राजा कृतवर्मा ने कौरवों का साथ दिया था। ये श्रीकृष्ण की समधि थे। स्वयं भीष्म पितामाह ने कृतवर्मा की वीरता का वर्णन महाभारत में किया है। कृतवर्मा युद्ध के बाद भी जीवित थे।
मद्रदेश के राजा शल्य ने युद्ध में कौरवों का साथ दिया था, वे पांडवों के मामा थे। कर्ण की मृत्यु के बाद दुर्योधन ने राजा शल्य को सेनापति बनाया था। शल्य का वध युधिष्ठिर ने किया था।
प्राग्ज्योतिषपुर के राजा भगदत्त महान योद्धा थे। इनकी मित्रता देवराज इंद्र से थी। इन्होंने कौरवों के पक्ष में युद्ध किया था। अर्जुन के साथ इनका भयानक युद्ध हुआ और अंत में मारे गए।
महाभारत में राजा सेनाबिंदु का वर्णन भी है। इन्होंने पांडवों के पक्ष में युद्ध किया था। इनका दूसरा नाम क्रोधहन्ता भी था। ये युद्ध करने में श्रीकृष्ण और भीम की तरह पराक्रमी थे।
उत्तमौजा पांचाल देश के राजा द्रुपद के पुत्र और धृष्टद्युम्न व द्रौपदी के भाई थे। ये महाभारत युद्ध के बाद भी जीवित रहे। इनका वध अश्वत्थामा ने रात के अंधेरे में छल से किया था।
चेकितान भी यदुवंशी योद्धा और पांडवों का मित्र था। इसने पाण्डव की ओर से युद्ध किया था। चेकितान ने कौरव पक्ष से अनेक योद्धाओं का वध किया। युद्ध के 18वें दिन इनकी मृत्यु हुई।