महाभारत में अनेक योद्धाओं का वर्णन है। इन योद्धाओं में मामा-भांजे की एक जोड़ी भी शामिल थी। मान्यता है कि महाभारत काल के ये मामा-भांजे आज भी जीवित हैं। आगे जानिए कौन हैं ये…
महाभारत के अनुसार, महर्षि शरद्वान के एक पुत्र और एक पुत्री थी, जिनका पालन-पोषण भीष्म के पिता राजा शांतनु ने किया था। इनमें से पुत्र का नाम कृपाचार्य और पुत्री का नाम कृपी था।
महाभारत के अनुसार, रुद्र के एक गण ने कृपाचार्य के रूप में अवतार लिया था। भीष्म पितामाह ने कृपाचार्य को कुरुवंश का कुलगुरु बनाया। कौरव और पांडवों को भी इन्होंने शिक्षा दी थी।
कृपाचार्य की बहन कृपी का विवाह गुरु द्रोण से हुआ था। गुरु द्रोण का एक ही पुत्र था, जिसका नाम अश्वत्थामा था। महाभारत के अनुसार, अश्वत्थामा महादेव का अंशावतार था।
बहन कृपी का पुत्र होने से अश्वत्थामा कुलगुरु कृपाचार्य का भांजा हुआ। महाभारत युद्ध में इन मामा-भांजे ने कौरवों का साथ दिया था। युद्ध समाप्त होने के बाद भी ये दोनों जीवित रहे।
धर्म ग्रंथों में जिन अष्ट चिरंजीवियों यानी अमर महापुरुषों का नाम मिलता है, उनमें कृपाचार्य और अश्वत्थामा भी शामिल है। इस तरह ये सिद्ध होता है कि ये मामा-भांजे आज भी जीवित हैं।