धर्म ग्रंथों में एकादशी को सबसे पवित्र तिथि बताया गया है। एकादशी तिथि का प्राकट्य अगहन कृष्ण एकादशी तिथि पर हुआ था। इसलिए इसे उत्पन्ना एकादशी के नाम से जाना जाता है।
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कब है उत्पन्ना एकादशी 2025?
इस बार उत्पन्ना एकादशी का व्रत 15 नवंबर, शनिवार को किया जाएगा और इसका पारणा अगले दिन यानी 16 नवंबर, रविवार को किया जाएगा। पारणा हमेशा शुभ मुहूर्त देखकर किया जाता है।
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कब करें उत्पन्ना एकादशी का पारणा?
पंचांग के अनुसार 16 नवंबर, रविवार को उत्पन्ना एकादशी के पारणा का शुभ मुहूर्त दोपहर 01 बजकर 10 मिनिट से 03 बजकर 18 मिनिट तक है। इस दौरान पारणा करना श्रेष्ठ है।
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क्यों करते हैं व्रत का पारणा?
धर्म ग्रंथों के अनुसार जब भी कोई व्रत किया जाता है तो उसका पारणा करना जरूरी होती है, तभी उस व्रत का पूरा फल मिलता है। पारणा हमेशा व्रत के दूसरे दिन किया जाता है।
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पारणा कैसे करें?
शुभ मुहूर्त में ब्राह्मणों को भोजन करवाएं और उन्हें दान दें। इसके बाद ही स्वयं भोजन करें। इसे ही पारणा करते हैं। पारणा के लिए किसी योग्य विद्वान की सलाह भी ले सकते हैं।