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प्रेमानंद महाराज: कौन-से 7 काम चुपचाप करें, बिल्कुल मुंह न खोलें?

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इन 7 जगहों पर रहें चुप

प्रेमानंद महाराज के अनुसार, कुछ काम हम लोगों को एकदम चुपचाप रहकर करना चाहिए। यानी इन कामों को करते समय बिल्कुल मौन रहना चाहिए। आगे जानिए कौन-से हैं वो 7 काम…

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मंत्र जाप करते समय चुप रहें

प्रेमानंद महाराज के अनुसार, मंत्रों का जाप करते समय एकदम चुप रहना चाहिए। मंत्र जाप के बीच में किसी से बात-चीत नहीं करनी चाहिए। जाप खत्म होने के बाद ही किसी से बोलना चाहिए।

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भोजन भी चुपचाप करें

प्रेमानंद महाराज के अनुसार, शास्त्रों में ऐसा लिखा है कि भोजन भी चुपचाप करना चाहिए यानी भोजन शुरू करने से लेकर अंत तक किसी से कोई बात नहीं करें, एकदम मौन रहें।

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शौच के दौरान भी मौन रहें

प्रेमानंद महाराज के अनुसार, शौच करते समय भी चुप ही रहना चाहिए। यहां तक कि अपना मुंह भी नहीं खोलना चाहिए। ऐसा करना ठीक नहीं माना जाता। इस बात का ध्यान रखें।

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मार्ग पर चलते समय कुछ न बोलें

प्रेमानंद महाराज की मानें तो मार्ग पर चलते समय भी किसी से बात-चीत नहीं करनी चाहिए। यदि किसी से बात करनी हो तो मार्ग के एक ओर खड़े रहकर बात करना चाहिए।

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लघु शंका करते समय चुप रहें

प्रेमानंद महाराज के अनुसार, लघु शंका यानी मूत्र विसर्जन करते समय किसी से बात नहीं करनी चाहिए। अगर कोई आस-पास भी हो तो मौन रहकर लघु शंका करनी चाहिए।

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स्नान करते समय भी न बोलें

प्रेमानंद महाराज के अनुसार, स्नान करते समय यानी नहाते समय भी किसी से कोई बातचीत नहीं करनी चाहिए। नहाते समय या तो स्नान मंत्र बोलें या अन्य कोई स्त्रोत बोल सकते हैं।

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यज्ञ-हवन करते समय भी मौन रहें

प्रेमानंद महाराज के अनुसार यज्ञ-हवन करते समय भी चुप रहना चाहिए। यदि कोई बात करने की कोशिश करे तो भी बात नहीं करना चाहिए। यही यज्ञ-हवन करने का नियम है।

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