17 अप्रैल को अयोध्या के राम मंदिर में राम जन्मोत्सव को लेकर खास तैयारियां की गई हैं। इस मौके पर राम लला को किया जाने वाला सूर्य तिलक लोगों के लिए आश्चर्य का विषय बना हुआ है।
राम नवमी पर दोपहर 12 बजे के करीब सूर्य की किरणें राम लला के मस्तक पर पड़ेंगी, जिससे ऐसा लगेगा कि सूर्य की रोशनी से राम लला को तिलक किया गया है, यही सूर्य तिलक है।
विशेष प्रकार के लेंस, रिफ्लेक्टर और पीतल के पाइप के माध्मय से सूर्य की किरणों को एक निश्चित समय पर राम लला के मस्तक पर प्रतिबिंबित किया जाएगा। ये पूरी तरह विज्ञान आधारित है।
सूर्य तिलक का सिस्टम IIT रुड़की के सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट ने बनाया है। इस सिस्टम में 1 रिफ्लेक्टर, 2 दर्पण, 3 लेंस, पीतल पाइप और 19 गियर का उपयोग किया गया है।
सूर्य तिलक में लगने वाले हर चीज जैसे पाइप, रिफ्लेक्टर से लेकर दर्पण और लैंस भी बेंगलुरु की कंपनी ऑप्टिक्स एंड एलाइड इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड (ऑप्टिका) ने तैयार की हैं।
सूर्य तिलक को बनाने में जितनी भी चीजों का उपयोग हुआ है, उसकी कुल लागत लगभग 1.20 करोड़ रुपए है। खास बात ये है कि ऑप्टिका कंपनी ने इसके लिए एक भी पैसा नहीं लिया है।