इस बार श्राद्ध पक्ष 18 सितंबर से 2 अक्टूबर तक रहेगा। ग्रंथों के अनुसार, श्राद्ध पक्ष में कुछ खास नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से पितृ नाराज हो सकते हैं। जानें इन कामों के बारे में…
धर्म ग्रंथों के अनुसार, श्राद्ध पक्ष में किसी तरह का नशा जैसे शराब आदि नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से पितृ नाराज हो सकते हैं और भविष्य में हमें परेशानी का सामना करना पड़ता है।
श्राद्ध पक्ष के दौरान नाखून काटने और बाल कटवाने की भी मनाही है। विद्वानों के अनुसार इन 16 दिनों में शेविंग भी नहीं करना चाहिए। हालांकि इसके पीछे कोई ठोस आधार नहीं है।
श्राद्ध पक्ष के दौरान ब्रह्मचर्य का पालन करना जरूरी माना गया है, सिर्फ शरीर से ही नहीं बल्कि मन से भी। यानी इन 16 दिनों में किसी तरह के गलत विचार भी मन में नहीं आने चाहिए।
धर्म ग्रंथों के अनुसार, श्राद्ध कभी दूसरे के घर पर नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से श्राद्ध का फल उस घर के मालिक के पितरों को मिल जाता है। इसलिए ऐसी गलती भूलकर भी न करें।
श्राद्ध पक्ष के दौरान यदि कोई भिखारी हमारे घर पर भोजन की इच्छा से आए तो उसे खाली हाथ नहीं लौटाना चाहिए। मान्यता है कि इन 16 दिनों में पितृ किसी भी रूप में आ सकते हैं।
जब घर में किसी का श्राद्ध हो तो उस समय बिल्कुल भी क्रोध नहीं करना चाहिए। पितृ जब श्राद्ध के दौरान अपने वंशजों को क्रोध में देखते हैं तो उस घर को छोड़कर चले जाते हैं।