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मजदूर से मेडल तक का सफर, कुछ यूं एशियन गेम्स 2023 में छा गए राम बाबू

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राम बाबू ने जीता कांस्य पदक

एशियन गेम्स 2023 के 35 किलोमीटर पैदल चाल प्रतियोगिता में भारत के एथलीट राम बाबू ने कांस्य पदक जीता है। राम बाबू ने 35 किमी मिक्स वॉक इवेंट में मेडल अपने नाम किया है।

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एशियन गेम्स 2023

चीन में चल रहे एशियन गेम्स में भारत ने पदकों की झड़ी लगा दी है। भारत अब तक के इतिहास में सबसे ज्यादा पदक जीत चुका है। भारतीय एथलीट्स ने कमाल का प्रदर्शन किया है।

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मंजू रानी-राम बाबू की जोड़ी

राम बाबू और मंजू रानी की जोड़ी पदक जीतने के बाद सोशल मीडिया पर छा गई है। कोई इनके संघर्ष की कहानी बता रहा है तो कोई वीडियो और तस्वीरें शेयर करके बधाईयां दे रहा है।

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कौन हैं मेडल विनर राम बाबू

राम बाबू 24 साल के हैं और एशियन गेम्स में कमाल किया है। राम बाबू बेहद गरीब परिवार से आते हैं लेकिन इन्होंने अपने सपने को हमेशा जिंदा रखा। संघर्ष के बाद यह कामयाबी मिली।

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मनरेगा मजदूर रहा मेडल विनर

राम बाबू कोविड के दौरान अपना पेट पालने के लिए मनरेगा में मजदूरी करते थे। वे तालाब और पोखरों की खुदाई का काम करके जो पैसे कमाते, उसी से अपना पेट भरते थे।

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वेटर का काम भी किया है

राम बाबू कोरोना से पहले शहर में वेटर का काम करते थे। जिंदगी की जरूरतों को पूरा करने के लिए यह युवा हर वह काम करता था, जिसमें मेहनत से पैसा कमाया जा सके।

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देश को रामबाबू पर गर्व

अब राम बाबू ने एशियन गेम्स में कांस्य पदक जीतकर न सिर्फ अपने लिए गर्व का क्षण जिया है बल्कि यह पूरे देश के लिए गर्व करने वाली बात है। राम बाबू की कड़ी मेहनत सफल हुई।

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रामबाबू का ओलंपिक सपना

राम बाबू ने एशियन गेम्स में तो अपना परचम लहरा दिया है। अब वे ओलंपिक में भारत के लिए पदक जीतने का सपना रखते हैं। राम बाबू देश के करोड़ों युवाओं के ऑइकन बन गए हैं।

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