प्रणव सूरमा ने पैरालंपिक 2024 में सिल्वर मेडल जीतकर भारत का नाम रोशन किया है। उन्होंने अपने पहले ही अटेम्प्ट में 34.59 मीटर का थ्रो कर पदक अपने नाम कर लिया।
Sports News Sep 05 2024
Author: Yatish Srivastava Image Credits:facebook
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16 साल में हादसे के शिकार हो गए थे प्रणव
प्रणव बचपन से ही दिव्यांग नहीं थे। 16 साल की उम्र में उनके ऊपर घर की छत गिर गई थी। इसमें उनके पैर बुरी तरह जख्मी हुए थे जिसके बाद वह चलने फिरने में असमर्थ हो गए थे।
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टेनिस स्टार बनना चाहते थे प्रणव
प्रणव सूरमा का मन स्पोर्ट्स में ज्यादा लगता था। वह बताते हैं कि पहले वह टेनिस स्टार बनना चाहते थे लेकिन सही कोच नहीं मिल पाने के कारण वह इस खेल में नहीं जा सके।
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पेशे से बैंकर हैं प्रणव सूरमा
पैरालंपिक में सिल्वर मेडल जीतने वाले प्रणव सूरमा पेशे से बैंकर हैं। वह बैंक ऑफ बड़ौदा में सहायक प्रबंधक के रूप में कार्यरत है।
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प्रणव को मिला परिवार का फुल सपोर्ट
प्रणव को हादसे के बाद परिवार का पूरा सपोर्ट मिला। पिता ने नौकरी छोड़कर उनकी देखभाल की और मां ने परिवार का खर्च चलाया।
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क्लब थ्रो को बनाई सक्सेस की सीढ़िया
क्लब थ्रो भी हैमर थ्रो की तरह ही होता है। इसमें लकड़ी के क्लब को कंधे और बाजुओं की ताकत से दूर फेंकना होता है। प्रणव ने पहले प्रयास में ही शानदार थ्रो किया था।
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कॉमर्स में ग्रेजुएट हैं पदक विजेता प्रणव
प्रणव ने हादसे के बाद खुद को कमजोर नहीं पड़ने दिया और दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से कॉमर्स में ग्रेजुएशन पूरा किया।