तेजस्वी यादव ने बुधवार को बिहार चुनाव 2025 के लिए राघोपुर सीट से तीसरी बार नामांकन दाखिल किया। जैसे ही वे वैशाली कलेक्ट्रेट पहुंचे, ‘तेजस्वी जिंदाबाद’ के नारे गूंजने लगे।
नामांकन के दौरान लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी और मीसा भारती तेजस्वी के साथ नजर आए। पूरा लालू परिवार मंच पर एकजुट दिखा, जिससे राजद कार्यकर्ताओं का जोश दोगुना हो गया।
वैशाली कलेक्ट्रेट के बाहर समर्थकों की लंबी कतारें लगी रहीं। ड्रम-ढोल और नारेबाजी के बीच माहौल पूरी तरह चुनावी रंग में रंग गया। प्रशासन को भीड़ नियंत्रित करने में मशक्कत करनी पड़ी।
तेजस्वी यादव ने नामांकन के बाद कहा-“बिहार बदलाव चाहता है, अबकी बार जनता हमारा साथ देगी।” उनका सीधा संकेत था कि इस बार वे मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए पूरी ताकत झोंक देंगे।
नामांकन के बाद तेजस्वी यादव ने घोषणा की कि वे रोजाना कम से कम 15 चुनावी सभाएं करेंगे। इसका मकसद है- महागठबंधन के उम्मीदवारों को जनता से जोड़ना और प्रचार की रफ्तार तेज़ करना।
तेजस्वी यादव इससे पहले दो बार राघोपुर सीट से चुनाव जीत चुके हैं। तीसरी बार नामांकन के साथ एनडीए ने उन्हें घेरने का प्लान भी तैयार किया है। जिसे भेदना निश्चित ही कठिन होगा।
तेजस्वी के नामांकन के बाद विपक्षी खेमे में हलचल मच गई है। एनडीए के रणनीतिकार भी राघोपुर पर नजरें गड़ाए हैं, क्योंकि ये सीट अब ‘प्रतिष्ठा की लड़ाई’ बन गई है।
तेजस्वी यादव के नामांकन से बिहार की सियासत में नई सरगर्मी आ गई है। अब सबकी निगाहें इस पर हैं कि राघोपुर से शुरू हुआ चुनावी सफर उन्हें सीधे सीएम की कुर्सी तक पहुंचा पाएगा या नहीं।