धर्मांतरण पर रोक लगाने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार एंटी कंवर्जन बिल ला रही है। जिसमें किसी को भी धर्म बदलने से 60 दिन पहले आवेदन कर अनुमति लेनी होगी।
यदि कोई व्यक्ति अपना धर्म बदलना चाहता है। तो उसे डीएम के पास एक फार्म भरकर जमा करना होगा। ये फार्म धर्मांतरण की अनुमति के लिए होगा। जिसकी जांच पुलिस करेगी।
डिस्ट्रिक मजिस्ट्रेट के पास फार्म जमा करने के बाद पुलिस धर्मांतरण करने की वजह, इरादा, उद्देश्य की जांच करेगी। जिसकी जांच रिपोर्ट मजिस्ट्रेट को सौंपी जाएगी।
धर्मांतरण का कारण अनुचित होने पर अनुमति नहीं मिलेगी। लेकिन धर्मांतरण से किसी का भला हो रहा होगा, किसी को उससे कोई नुकसान नहीं होगा। तो अनुमति मिल सकेगी।
बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि कांग्रेस सरकार के दौरान धर्मांतरण को संरक्षण मिला है। धर्मांतरण के 34 मामले दर्ज हुए हैं वहीं 3400 से अधिक शिकायतें दर्ज हुई हैं।
छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार बेवजह होने वाले धर्मांतरण को रोकने के लिए ये कानून ला रही है। जिससे प्रेशर या जबरन होने वाले धर्मांतरण पर रोक लगेगी।
धर्म स्वतंत्रता विधेयक ड्राफ्ट के अनुसार किसी का धर्म परिवर्तन बल पूर्वक, अनुचित प्रभाव, जोर जबरदस्ती, प्रलोभन, विवाह, झूट, फरेब आदि से नहीं किया जा सकेगा।
डीएम कार्यालय के नोटिस बोर्ड पर धर्मांतरण की सूचना चस्पा की जाएगी। जिसमें निर्धारित अवधि के अंदर पैरेंट्स या अन्य किसी को आपत्ति है तो वह पुलिस में एफआईआर दर्ज करवा सकेंगे।
इस मामले में अगर कोई अवैध रूप से धर्म परिवर्तन का दोषी पाया जाता है। तो 2 से 10 साल तक की सजा और 25 हजार रुपए जुर्माने की कार्रवाई होगी।