कौन हैं ये लेडी जज:जिनके एक idea से नहीं होता तलाक, खुश होकर लौटते कपल
Chhattisgarh Sep 30 2024
Author: Arvind Raghuwanshi Image Credits:social media
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मिसअंडरस्टैंडिंग से होते हैं तलाक
पति-पत्नी के बीच जरा सी मिसअंडरस्टैंडिंग इतनी बड़ी हो जाती है कि बात तलाक तक पहुंच जाती है। छत्तीसगढ़ में एक ऐसी महिला जज हैं जो अब तक 50 से ज्यादा दंपत्तियों तलाक रोक चुकी हैं।
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जज नीलिमा सिंह बघेल की अनोखी पहल
हम बात कर रहे हैं जज नीलिमा सिंह बघेल की, जो वर्तमान में छत्तीसगढ़ के बेमेतरा के फैमिली कोर्ट की चीफ जस्टिस हैं। जो प्रदेश के कई जिलों में जज रह चुकी हैं।
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खुश होकर लौटते पति-पत्नी
नीलिमा सिंह की कोर्ट में जो दंपत्ति तलाक के लिए पहुंचते हैं बाद में वह खुशी-खुशी एक होकर ही लौटते हैं। वह 50 से ज्यादा दंपतियों को साथ रहने को राजी कर चुकी हैं।
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शादी के 7 फेरे की दिलाती याद
नीलिमा सिंह तलाक से बचाने के लिए दंपत्ति को शादी के समय दोहराए जाने वाले सात वचनों की याद दिलाती हैं। ज्यादातर कपल अपनी गलती मानकर कोर्ट में ही रोने लगते हैं।
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फैमिली कोर्ट की दीवार लिखे 7 वचन
जज नीलिमा सिंह ने बेमेतरा के फैमिली कोर्ट की दीवार पर सात वचनों को फ्रेम करवाकर लगा रखा है। जिसे वह वहां पहुंचने वाले दंपतियों से इन वचन दोहराने का आग्रह करती हैं।
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एकदिन में दर्जनभर मामले सुलझाए
नीलिमा सिंह ने 21 सितंबर को हुई लोक अदालत में दर्जनभर मामले सुलझाए हैं। उनकी इस अनूठी पहल की पूरे प्रदेश भर में चर्चा है।
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मध्य प्रदेश के सतना की रहने वाली
नीलिमा सिंह मूल रूप से मध्य प्रदेश के सतना की रहने वाली हैं। वह 2014 में जज बनी हैं, पहली बार वो दुर्ग की अदालत की जज थीं। उन्होंने पढ़ाई में बीएससी, बीएलएलबी और एलएलएम किया है।