पति-पत्नी के बीच जरा सी मिसअंडरस्टैंडिंग इतनी बड़ी हो जाती है कि बात तलाक तक पहुंच जाती है। छत्तीसगढ़ में एक ऐसी महिला जज हैं जो अब तक 50 से ज्यादा दंपत्तियों तलाक रोक चुकी हैं।
हम बात कर रहे हैं जज नीलिमा सिंह बघेल की, जो वर्तमान में छत्तीसगढ़ के बेमेतरा के फैमिली कोर्ट की चीफ जस्टिस हैं। जो प्रदेश के कई जिलों में जज रह चुकी हैं।
नीलिमा सिंह की कोर्ट में जो दंपत्ति तलाक के लिए पहुंचते हैं बाद में वह खुशी-खुशी एक होकर ही लौटते हैं। वह 50 से ज्यादा दंपतियों को साथ रहने को राजी कर चुकी हैं।
नीलिमा सिंह तलाक से बचाने के लिए दंपत्ति को शादी के समय दोहराए जाने वाले सात वचनों की याद दिलाती हैं। ज्यादातर कपल अपनी गलती मानकर कोर्ट में ही रोने लगते हैं।
जज नीलिमा सिंह ने बेमेतरा के फैमिली कोर्ट की दीवार पर सात वचनों को फ्रेम करवाकर लगा रखा है। जिसे वह वहां पहुंचने वाले दंपतियों से इन वचन दोहराने का आग्रह करती हैं।
नीलिमा सिंह ने 21 सितंबर को हुई लोक अदालत में दर्जनभर मामले सुलझाए हैं। उनकी इस अनूठी पहल की पूरे प्रदेश भर में चर्चा है।
नीलिमा सिंह मूल रूप से मध्य प्रदेश के सतना की रहने वाली हैं। वह 2014 में जज बनी हैं, पहली बार वो दुर्ग की अदालत की जज थीं। उन्होंने पढ़ाई में बीएससी, बीएलएलबी और एलएलएम किया है।