भारतीय संविधान दिवस 2024: जानिए 26 नवंबर को संविधान दिवस क्यों मनाया जाता है, इसका इतिहास, महत्व और डॉ. अंबेडकर के योगदान। पढ़ें भारतीय संविधान की प्रस्तावना और इसके उद्देश्य।
हर साल 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाया जाता है, जिसे संविधान को अपनाने के ऐतिहासिक दिन के रूप में जाना जाता है। 1949 में इसी दिन संविधान सभा ने भारत के संविधान को स्वीकृति दी थी।
हालांकि इसे 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया, जब भारत गणतंत्र बना। इस वर्ष भारत संविधान की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया पर देशवासियों को बधाई देते हुए लिखा, "संविधान दिवस की 75वीं वर्षगांठ के शुभ अवसर पर सभी देशवासियों को शुभकामनाएं।"
1946 में भारत के स्वतंत्र देश बनने के बाद संविधान का मसौदा तैयार करने का कार्य संविधान सभा को सौंपा गया। इस प्रक्रिया में करीब 2 साल, 11 महीने और 17 दिन का समय लगा।
डॉ. भीमराव अंबेडकर की अध्यक्षता में बनी प्रारूप समिति ने यह कार्य सफलतापूर्वक पूरा किया। भारत का संविधान दुनिया का सबसे लंबा लिखित संविधान है।
यह भारत को संप्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित करता है। इसके प्रस्तावना में नागरिकों के लिए न्याय, स्वतंत्रता, समानता और भाईचारे को सुनिश्चित करना लिखा है।
ये दिवस लोकतंत्र की मजबूत नींव और संविधान सभा के प्रयासों के सम्मान में मनाया जाता है। संविधान लागू करने के लिए 26 जनवरी का चयन 1930 के पूर्ण स्वराज दिवस की याद के लिए किया गया था।
यह दिन संविधान निर्माताओं के योगदान का जश्न मनाने और नागरिकों को उनके अधिकारों और कर्तव्यों की याद दिलाने का प्रतीक है। ये हमारे अतीत की याद दिलाता है।