स्वतंत्रता दिवस के मौके पर केंद्र सरकार के जरिए 'हर घर तिरंगा' अभियान चलाया जा रहा है। पीएम मोदी की अपील के बाद इसके प्रति लोगों का उत्साह देखते ही बन रहा है।
पहले आम नागरिक को तिरंगा फहरान का आधिकार नहीं था। लेकिन देश के एक बड़े बिजनेसमैन ने लोवर कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक लंबी लड़ाई लड़ी। तब जाकर हम तिरंगा फहरा पा रहे हैं।
दरअसल, मशहूर उद्योगपति और पूर्व सांसद नवीन जिंदल की बदौलत आम नागरिकों को तिरंगा फहराने का अधिकार मिला है। उन्होंने पहली बार गुरुग्राम में देश का सबसे ऊंचा झंडा लगाया था।
जब नवीन जिंदल अमेरिका से पढ़कर लौटे तो 1992 में अपनी फैक्ट्री में तिरंगा फहराने लगे। प्रशासन ने उन पर कार्रवाई करने की कोशिश की। लेकिन वह ठान चुके थे कि यह अधिकार लेकर रहेंगे
नवीन जिंदल तिरंगे के लिए लोवर कोर्ट गए, सुप्रीम कोर्ट गए। तब कहीं जाकर 1996 में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया, तिरंगा फहराना देश के हर नागरिक का मौलिक अधिकार है।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद एक कमेटी बनी। जिसके बाद भारत के हर नागरिक को तिरंगा फहराने का अधिकार मिल गया।