Hindi

जगन्नाथ रथ यात्रा: क्यों निकलती है, जानिए दिलचस्प कहानी

जगन्नाथ जी की रथ यात्रा 20 जून की रात 10.04 मिनट पर शुरू होकर 21 जून की शाम 07.09 मिनट पर नगर भ्रमण के बाद समाप्त होगी

Hindi

जगन्नाथ यात्रा के पीछे क्या कहानी है?

प्रचलित कथा के अनुसार, देवी सुभद्रा ने भाई श्रीकृष्ण और बलराम से द्वारका दर्शन की इच्छा की थी, इसे पूरा करने तीनों रथ से द्वारका भ्रमण पर निकले थे

Image credits: @Social Media Viral
Hindi

जगन्नाथजी के रथ की क्या खासियत है?

भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा देवी के रथ नीम की लकड़ियों से बनते हैं, रथों में कील या अन्य धातु का इस्तेमाल नहीं होता है

Image credits: @Social Media Viral
Hindi

कितने पहिये होते हैं श्रीकृष्ण के रथ में?‌

करीब 13 मीटर ऊंचे जगन्नाथ रथ में 16 पहिये होते हैं, इन्हें 832 नीम की लड़कियों से बनाया जाता है, इनके नाम गरुड़ध्वज, कपिध्वज और नंदीघोष हैं

Image credits: @Social Media Viral
Hindi

सुभद्रा देवी के रथ का क्या नाम है?

दुर्गा का प्रतीक सुभद्रा देवी के रथ का नाम देवदलन है, ये 12.9 मीटर ऊंचा होता है, रंग लाल और काला रखा जाता है

Image credits: @Social Media Viral
Hindi

बलराम जी के रथ की खासियत क्या है?

बलराम भगवान शिव का प्रतीक माने जाते हैं, इनके रथ का नाम तालध्वज होता है, 14 पहियों का यह रथ 13.2 मीटर होता है

Image credits: @Social Media Viral
Hindi

क्या मान्यता है जगन्नाथ रथ यात्रा की?

उत्कल यानी ओडिशा प्रदेश के प्रधान देवता जगन्नाथ जी हैं, पुरी में जगन्नाथजी मंदिर है, कहते हैं कि जगन्नाथ रथ यात्रा में शामिल होने से सारे कष्ट दूर हो जाते हैं

Image credits: @Social Media Viral
Hindi

सौहार्द्र का प्रतीक है जगन्नाथ रथ यात्रा

रथयात्रा में जगन्नाथजी को दशावतारों के रूप में पूजा जाता है, इनमें विष्णु, कृष्ण, वामन के अलावा बुद्ध भी हैं, भगवान जगन्नाथ विभिन्न धर्मों , मतों और विश्वासों का अनूठा समन्वय हैं

Image Credits: @Social Media Viral