कारगिल जिला जम्मू-कश्मीर में हिमालय पर बसा दुर्गम स्थल है, जहां की पहाड़ियों पर कारगिल युद्ध लड़ा गया था
कारगिल युद्ध 3 मई, 1999 से 26 मई, 1999 तक लड़ा गया था, इसमें सीधे तौर पर 30000 भारतीय सैनिकों ने पाकिस्तानी सेना के अलावा 5000 घुसपैठियों को मार भगाया था
भारतीय वायु सेना ने पाकिस्तान पर मिग-27 और 29 के जरिये R-77 मिसाइलों से अटैक किया था, युद्ध के दौरान 2.50 लाख गोले दागे गए थे
नेशनल हाईवे 1D (NH 1D) कारगिल क्षेत्र में रहने वालों की जीवन रेखा मानी जाती है। NH1D श्रीनगर और लेह क्षेत्र को जोड़ता है, पाकिस्तान ने इसे अवरुद्ध कर दिया था
कारगिल लेह शहर से करीब 215 किमी, जबकि श्रीनगर से 200 किमी दूर है, यहां न रेलवे स्टेशन है और न एयरपोर्ट
कारगिल सिर्फ युद्ध की वजह से नहीं, बल्कि अपने प्राकृतिक सौंदर्य और प्राचीन धरोहरों के कारण भी ख्यात है, यहां से 36 किमी दूर NH 1D लेह की ओर मैत्रेयी बुद्ध की 9 मीटर लंबी मूर्ति है
कारगिल युद्ध में भारतीय सेना ने लगभग 500 बहादुर सैनिक खोए थे, जबकि बहादुर भारतीय सैनिकों ने पाकिस्तान के 3000 से अधिक सैनिक, मुजाहिदीन और घुसपैठिये मार गिराए थे
कारगिल युद्ध के नायकों की याद में द्रास में कारगिल युद्ध स्मारक स्थापित किया गया है। यहां उन सभी सैनिकों के शिलालेख हैं, जिन्हें हमने युद्ध के दौरान खो दिया था
कारगिल युद्ध में अनुकरणीय वीरता दिखाने के लिए कैप्टन विक्रम बत्रा सहित 4 भारतीय सैनिकों-योगेन्द्र सिंह यादव, मनोज कुमार पांडे (मरणोपरांत) और संजय कुमार को परमवीर चक्र मिला था