3 मई को कुकी समुदाय ने आदिवासी एकता मार्च निकाला था, इसी दौरान मैतेई से उनकी झड़प हो गई और फिर 4 मई को महिलाओं को निर्वस्त्र करके घुमाया गया।
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सैकड़ों लोगों ने किया था गांव पर हमला
मणिपुर में जिन दो महिलाओं को निर्वस्त्र करके घुमाया गया, उनमें एक आर्मी के सूबेदार की पत्नी है, सैकड़ों की भीड़ ने करीब 3 घंटे तक उपद्रव मचाया था, ये है मुख्य आरोपी हेरादास।
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मणिपुर हिंसा: 70 हजार लोग बेघर
मणिपुर में मैतेई-कुकी के बीच जारी हिंसा में 70 हजार लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ा है। अब तक 5000 से अधिक हिंसा हो चुकी हैं।
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1993 से जारी है मणिपुर में हिंसा का तांडव
3 मई 1993 मणिपुर में पंगल मुस्लिम और मैतई हिंदुओं के बीच 2 दिन हिंसा चली थी, इसमें करीब 130 लोग मारे गए थे।
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1993 में नागा-कुकी खूनी संघर्ष हुआ था
जनवरी 1993 में नागाओं के गांव सदुखरोई पर कुकी ने हमला कर दिया था, इसके बाद 13 सितंबर को नागा आतंकवादियों ने 100 कुकी मार दिए थे, इस हिंसा में 400 लोग मारे गए थे।
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1993 में मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगाना पड़ा था
मैतेई-कुकी और मुस्लिम पंगल समुदाय के बीच हुई हिंसा के बाद 31 दिसंबर, 1993 को मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगाना पड़ा था, जो 13 दिसंबर, 1994 तक लागू रहा।
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उग्रवादियों के साथ मिले हुए हैं लोग
मणिपुर में स्थानीय समुदाय अपने-अपने जाति के उग्रवादियों के समर्थन में रहती है, इसी वजह से हिंसा पर काबू पाना मुश्किल हो जाता है, इसका सिर्फ राजनीतिक समाधान है।