हिंदू ग्रंथों में लिखा गया है कि महाभारत युद्ध में अपने भाइयों कौरवों के संहार का प्रायश्चित करने पांडव केदारनाथ आए थे
चारधाम यात्रा का अंतिम पड़ाव बद्रीनाथ होता है। 27 अप्रैल को सुबह 7.10 बजे श्रद्धालु भगवान विष्णु के 24वें अवतार के दर्शन कर पाएंगे
केदारनाथ उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले का एक कस्बा और नगर पंचायत है। यह जिला मुख्यालय रुद्रप्रयाग से लगभग 86 किलोमीटर दूर है
केदारनाथ हिमालय में चोराबारी ग्लेशियर के पास समुद्र तल से लगभग 3,583 मीटर (11,755 फीट) ऊपर स्थित है, जो मंदाकिनी नदी का स्रोत है
केदारनाथ बर्फ की चोटियों से घिरा हुआ है। निकटतम सड़क गौरीकुंड में लगभग 16 किमी दूर है। जून 2013 के दौरान यहां भीषण बाढ़ आई थी
केदारनाथ मंदिर केवल छह महीने तक ही खुलता है। मई में अक्षय तृतीया के दिन खुलता है और दीपावली के अगले दिन गोवर्धन पूजा में बंद हो जाता है
केदारनाथ मंदिर का निर्माण बड़े-बड़े पत्थरों से किया गया है। इन शिलाखंडों को इंटरलॉकिंग तकनीक से बिना सीमेंट के आपस में जोड़ा गया है
बेसकैंप केदारनाथ, लिंचोली और गौरीकुंड में रुकने का इंतजाम होता है। GMVN Kedarnath के जरिये रूम बुक होते हैं। हेलिकाॅप्टर सुविधा भी है