PM मोदी की 8 जुलाई को तेलंगाना विजिट के चलते वारंगल स्थित भद्रकाली मंदिर वायरल है, इसे साउथ इंडिया का गोल्डन टेम्पल कहते हैं
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मां भद्रकाली की बाईं आंख था कोहिनूर हीरा
कहा जाता है कि कोहिनूर हीरा कोल्लूर खदान से मिला था, जो वारंगल स्थित भद्रकाली मंदिर में विराजीं देवी की बाईं आंख था
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7वीं शताब्दी का माना जाता है वारंगल भद्रकाली मंदिर
इतिहास में उल्लेख है कि वारंगल के भद्रकाली मंदिर को 7वीं शताब्दी में चालुक्य राजाओं ने बनवाया था
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कहां है ये दक्षिण भारत का प्रसिद्ध ये भद्रकाली मंदिर
भद्रकाली मंदिर आंध्र प्रदेश के हनमकोंडा और वारंगल शहरों के बीच एक पहाड़ी के ऊपर स्थित है
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क्या है मां भद्रकाली को लेकर पौराणिक कथा?
पौराणिक कथाओं के अनुसार माता भद्रकाली देवी सती की मृत्यु के बाद भगवान शिव की जटाओं से प्रकट हुई थीं
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मुगलों ने नष्ट कर दिया था भद्रकाली मंदिर
जब मुगलों ने साउथ इंडिया पर कब्जा किया, तब उन्होंने भद्रकाली मंदिर नष्ट कर दिया था, अलाउद्दीन खिलजी ने तेलंगाना के काकतीय शासकों से मां की आंख यानी कोहनूर हीरा छीन लिया था
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1950 में पुन: बनवाया गया था भद्रकाली मंदिर
वारंगल का भद्रकाली मंदिर 1950 में कुछ अमीर व्यापारियों के प्रयासों से फिर से पुनर्जीवित हुआ था