एक समय था जब अरविंद केजरीवाल के साथ उनकी ब्लू ‘वैगनआर’ कार टीवी चैनलों और अखबारों में छाई रहती थीं। केजरीवाल ने इसी में बैठकर अरविंद अपना राजनीतिक सफर शुरू किया था।
बता दें कि केजरीवाल जब पहली बार 49 दिन के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री बने थे तो उन्होंने सरकारी गाड़ी लेने से मना कर दिया था। वह अपनी इसी वैगनआर कार से सीएम दफ्तर जाते थे।
यह कार जनवरी 2013 में एक आम आदमी कुंदन शर्मा ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को दान में दी थी। इसी पर सवार होकर केजरीवाल ने पहला चुनाव लड़ा था।
2015 में यह कार तब चर्चा में आई जब इसे दान करने वाले कुंदन शर्मा ने केजरीवाल से गाड़ी वापस की मांग की। शर्मा उस समय आप से प्रशांत भूषण और योगेन्द्र यादव को निकालने से नाराज थे।
बता दें कि बाद में यह कार दिल्ली सचिवालय की पार्किंग चोरी हो गई और गाजियाबाद से मिल भी गई। हालांकि उसके बाद से यह कार कम ही देखने को मिली है। अब केजरीवाल नई कार से चलते हैं।
इस कार को केजरीवाल ने रोहतक लोकसभा क्षेत्र से आप प्रत्याशी बने नवीन जयहिंद को दे दी थी। फिर यह कार दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालिवाल के आवास पर देखी गई।
अब काफी दिनों से केजरीवाल की यह वैगनआर कार नहीं दिख रही है। आप के वालंटियर और केजरीवाल अभी तक इस गाड़ी को भाग्यशाली और शुभ मानते हैं।