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बिरसा मुंडा पुण्यतिथि 2023:अंग्रेज जीते नहीं, तो धीमा जहर देकर मारा

अंग्रेजों ने बिरसा मुंडा को रांची की जेल में धीमा जहर देकर मार डाला था। उनकी मौत 9 जून, 1900 में हुई थी

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20 साल की उम्र में अंग्रेजों के उड़ा दिए थे होश

बिरसा मुंडा ने 20 साल की उम्र में अंग्रेजों की जमींदारी और राजस्व व्यवस्था के खिलाफ लड़ाई छेड़ी थी, इसे उलगुलान आंदोलन कहते हैं

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तीर-कमान से किया था बंदूकों का मुकाबला

बिरसा मुंडा ने आदिवासियों को एकजुट करके तीर कमानों से अंग्रेजों की तोप-बंदूकों का मुकाबल किया था

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500 रुपए के लालच में मिला दगा

किसी परिचित ने 500 रुपए के लालच में बिरसा मुंडा को अंग्रेजों से पकड़वा दिया था

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भगवान के रूप में पूजे जाते हैं बिरसा मुंडा

15 नवंबर, 1875 को जन्मे बिरसा मुंडा आदिवासी समुदाय में भगवान की तरह पूजे जाते हैं

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आदिवासियों के बीच नायक कहलाते थे

1895 तक बिरसा मुंडा आदिवासियों में एक नायक के तौर पर उभर चुके थे

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बिरसा मुंडा को धरती बाबा क्यों कहते थे

बिरसा मुंडा ने आदिवासियों को अंग्रेजों की दमनकारी नीतियों के खिलाफ जागृत किया था, इसलिए लोग उन्हें धरती बाबा भी कहते थे

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15 नवंबर भी क्यों खास है?

मध्य प्रदेश सरकार ने 2 साल पहले बिरसा मुंडा की जयंती यानी 15 नवंबर पर सावर्जनिक छुट्टी का ऐलान किया था

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