भोपाल के इन 10 मंदिरों की रहस्यमयी विरासत, प्राचीन वास्तुकला, और आध्यात्मिक चमत्कारी घटनाएं जानें। इन अद्भुत मंदिरों में हर एक स्थान में छिपे हैं रहस्यमय अनुभव।
अरेरा हिल्स पर स्थित बिड़ला मंदिर, जहां देवी लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा होती है, इसके अद्भुत वास्तुकला और संग्रहालय खास हैं। इंट्री यहां फ्री है।
भोपाल से लगभग 70 किलोमीटर दूर स्थित सलकनपुर मंदिर, देवी दुर्गा को समर्पित है। यहां जाने के लिए 1000 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं, या आप रोपवे से भी पहुंच सकते हैं।
यह जैन मंदिर लालघाटी में है। यहां के शांत वातावरण में जैन धर्म के आदर्शों की अनुभूति होती है। यहां जैन तीर्थंकर की मूर्ति है और यह स्थल कार्तिक पूर्णिमा के लिए प्रसिद्ध है।
TT नगर में स्थित इस मंदिर में देवी काली की पूजा होती है। यहां की वास्तुकला सरल, लेकिन शक्तिशाली है, जो देवी की ऊर्जा और शक्ति को दर्शाती है। नवरात्रि में यहां विशेष पूजा होती है।
खटलापुरा मंदिर, झील के किनारे स्थित शांतिपूर्ण स्थान है, जहां भगवान राम, लक्ष्मण और सीता की पूजा होती है। इस मंदिर का वातावरण राम नवमी के दौरान और अत्यधिक आध्यात्मिक होता है।
भोपाल के लालघाटी स्थित महावीर गिरि एक प्रमुख जैन मंदिर है जो एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित है। यहां का शांत वातावरण और पहाड़ी पर स्थित मंदिर ध्यान और चिंतन के लिए आदर्श स्थल है।
गुफा मंदिर भोपाल का एक अद्भुत धार्मिक स्थल है, जो प्राकृतिक गुफा के भीतर स्थित है। यह शिव को समर्पित है और यहां का वातावरण भक्तों को एक विशेष आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करता है।
अरेरा कॉलोनी में स्थित यह मंदिर भगवान हनुमान को समर्पित है। खासकर मंगलवार और शनिवार को यहाँ विशेष पूजा होती है, जिससे भक्तों का आध्यात्मिक वातावरण में समावेश होता है।
यह जैन मंदिर शहर के 6 नंबर स्टॉप के पास स्थित है, जो जैन धर्म के अनुयायियों के लिए एक शांतिपूर्ण स्थल है। यहाँ का वातावरण ध्यान और प्रार्थना के लिए आदर्श है।
भोपाल के कमला पार्क में स्थित यह जैन मंदिर भगवान आदिनाथ को समर्पित है। यह मंदिर अपने शांत वातावरण और जटिल नक्काशी के लिए प्रसिद्ध है, जो भक्तों को मानसिक शांति प्रदान करता है।